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सत्यपाल मलिक के निधन पर गार्ड ऑफ ऑनर , तिरंगा झंडा या अन्य कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं :अरुण चौधरी

जुगनू गौतमगाजियाबाद। अखिल भारतीय जाट महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण चौधरी भुल्लन ने सतपाल मलिक बारे मे बताया कि सतपाल मलिक का जन्म बागपत के बितावदा गांव एक किसान परिवार में हुआ । सत्यपाल मलिक ने मेरठ से शिक्षा प्राप्त की और मेरठ से ही छात्र राजनीति से

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Sunday, October 12, 2025

जुगनू गौतम
गाजियाबाद।
अखिल भारतीय जाट महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण चौधरी भुल्लन ने सतपाल मलिक बारे मे बताया कि सतपाल मलिक का जन्म बागपत के बितावदा गांव एक किसान परिवार में हुआ । सत्यपाल मलिक ने मेरठ से शिक्षा प्राप्त की और मेरठ से ही छात्र राजनीति से शुरुवात की उसके बाद विधायक बने , सांसद बने , राज्यसभा सांसद बने और कई बार कई प्रदेशों के राज्यपाल बन कर पूरी ईमानदारी से देश की सेवा की ।

किसान परिवार में अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है उसके बावजूद सत्यपाल मलिक ने उच्च शिक्षा प्राप्त की और अनेकों पदों पे रहते हुए समाज को एक दिशा दिखाने का काम किया । किसान आंदोलन में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल होने के बावजूद भी किसानों की मांग को जायज बताया और किसानों का पक्ष लिया । क्यों कि सत्यपाल मलिक जाट समाज और किसान परिवार से आते है और जाट समाज ने हमेशा समाज में गलत बात का विरोध किया है ।

किसान आंदोलन में सत्यपाल मलिक का विरोध करना सरकार को रास नहीं आया और सरकार ने उनके खिलाफ जांच बैठा दी । बड़े दुर्भाग्य की बात है सत्यपाल मलिक के निधन होने पर सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा झंडा विहीन यात्रा निकली और अंतिम समय में किसी प्रकार का कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं दिया गया । जिसकी हम निंदा करते है ।

इसका मतलब ये हुआ कि सब लोग गूंगे बन कर बैठे रहे और अगर कोई सरकार के खिलाफ कोई कुछ बोलेगा तो उसे सरकार का विरोधी माना जाएगा । सत्यपाल मलिक हमारे आदर्श थे और हम उनके बताए हुए मार्ग पर चलते रहेंगे ।
अरुण चौधरी भुल्लन जिला अध्यक्ष अखिल भारतीय जाट महासभा ।

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