सरसावा(अंजू प्रताप)। दी किसान कोऑपरेटिव शुगर मिल में उस समय माहौल गर्मा गया जब एक किसान का गन्ना खराब बताकर लौटा दिया गया। तौल बंद होने, तीखे आरोपों और किसानों के विरोध के बीच मामला तेजी से गंभीर रूप लेता गया। देखते ही देखते मिल परिसर में तनाव फैल गया और प्रशासन की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे, जिससे पूरी घटना और भी संवेदनशील हो गई।
बुधवार दोपहर करीब दो बजे शाहजहांपुर निवासी किसान ओमपाल अपनी गन्ना ट्रॉली लेकर दी किसान कोऑपरेटिव शुगर मिल पहुँचे, जहां सुपरवाइजर ने सबसे पहले गन्ना लेने से इनकार किया और तुरंत बाद सीसीओ (गन्ना नियंत्रण अधिकारी) अंकित ने भी गन्ने को पुराना और खराब बताते हुए तौल रोक दी। इस निर्णय से गुस्साए किसान मौके पर इकट्ठा हो गए, पूरी तरह तौल बंद करा दिया और मिल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों का कहना था कि क्षेत्र फ्लड जोन में आता है, बरसात में यमुना नदी खेतों में पानी भर देती है।
ऐसे में गन्ने पर पानी का निशान आना प्राकृतिक है। इसे खराब बताकर लौटाना उनकी मेहनत और हक़ पर सीधी चोट है। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि बाद में गन्ना लिया गया तो ढाई कुंतल की कटौती कर दी गई, जबकि गन्ना बिल्कुल ताज़ा था और किसी भी रूप में पुराना नहीं था। इस बीच सीसीओ अंकित ने दावा किया कि प्रमुख सचिव के निर्देशों के कारण कम रिकवरी वाले गन्ने को नहीं लिया जा रहा है, लेकिन उनके अनुसार विधायक और पूर्व सांसद के दबाव में उन्हें इन आदेशों की अवहेलना कर गन्ना लेना पड़ा।
दूसरी ओर मिल के प्रधान प्रबंधक ने नरम रुख अपनाते हुए कहा कि किसानों का गन्ना लिया जाएगा और उनसे सिर्फ साफ-सुथरा गन्ना लाने का आग्रह किया गया है। वहीं क्षेत्रीय विधायक मुकेश चौधरी ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि किसानों का उत्पीड़न किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शिकायत मिलते ही लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।






