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कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने फिल्म ‘हक़’ पर साधा निशाना: कहा – “नफ़रत फैलाने का एजेंडा सफल नहीं होगा”

राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का यह तीखा अंतर फिल्म के चारों ओर बहस को और तेज़ कर रहा

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Friday, November 7, 2025

This sharp contrast in political reactions is further fueling the debate around the film.

आयुष गुप्ता( संवाददाता ): फिल्म ‘हक़’, जो शाह बानो मामले से प्रेरित है, को लेकर छिड़ी बहस अब राजनीतिक रंग ले चुकी है। शुरुआती स्क्रीनिंग्स और ऑनलाइन चर्चा के बीच, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने फिल्म की आलोचना करते हुए इसे “विभाजनकारी एजेंडा” बताया है।

इमरान मसूद ने कहा, “फिल्म हक़ का नफ़रत फैलाने का एजेंडा कामयाब नहीं होगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे फिल्म देखने नहीं जाएंगे, क्योंकि उनके अनुसार ऐसी फिल्मों का उद्देश्य “तनाव को भड़काना है, न कि समझ बढ़ाना।”

दूसरी ओर, उनके बयान के तुरंत बाद ही कई भाजपा नेताओं ने फिल्म की सराहना करते हुए इसे “सत्य, लैंगिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की तरफ़ आगे बढ़ने वाला प्रयास” बताया। उनका कहना है कि यह फिल्म शाह बानो की लड़ाई के उस अध्याय को सामने लाती है, जिसे राजनीति ने लंबे समय तक दबा दिया था।

राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का यह तीखा अंतर फिल्म के चारों ओर बहस को और तेज़ कर रहा है। जहाँ समर्थक इसे एक साहसी पुनर्कथन और महिला अधिकारों की आवाज़ बता रहे हैं, वहीं आलोचक इसे गलत चित्रण और ध्रुवीकरण का प्रयास मान रहे हैं।

इस बीच, ‘हक़’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि धर्म, न्याय और संवैधानिक अधिकारों पर एक बड़े राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बन चुकी है।

फिल्म में यामी गौतम, इमरान हाशमी और शीबा चड्ढा ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं। जो 7 नवंबर को रिलीज़ हो गयी है।

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