(रवि कुमार भार्गव संपादक दैनिक अयोध्या टाईम्स बिहार)
पटना:-बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। बिहार में पहले चरण का चुनाव 6 नवंबर को है, ऐसे में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एनडीए को फायदा पहुंचा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि बीच चुनाव में बिहार की महिलाओं के खाते में दस हजार रुपए भेजे जा रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस पर चुप है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस राशि के हस्तांतरण को पूरी तरह से रिश्वत करार दिया है। उन्होंने कहा कि खुलेआम सरकार वोटरों को प्रभावित करने के लिए महिलाओं को अभी दस हजार का रिश्वत दे रही है और फिर चुनाव के बाद इन पैसों को वापस लिया जाएगा। एनडीए का इस तरह से रुपया बांटना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
अब बताईये ऐसे समय में आखिर चुनाव आयोग की नैतिकता कहां है?मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रत्येक महीने दस-दस हजार रुपये देने की घोषणा की। घोषणा के बाद उन महिलाओं के खाते में रुपए भी भेजे जाने लगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि यह योजना ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक आज़ादी प्रदान करने के साथ-साथ स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ा कदम है। योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं का जुड़ाव जीविका समूह से होना अनिवार्य है, जिसने शहरी इलाकों से 10 लाख से अधिक नए आवेदन प्राप्त करने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन महिलाओं का स्वरोजगार सफल होगा, उन्हें दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।






