सुपौल की धरती पर बुलडोजर बाबा का जलवा, भीमपुर में उमरा जन सैलाब! - मुर्दे ने लड़ा 10 साल तक मुकदमा - PM मोदी ने देहरादून में उत्तराखंड की स्‍थापना के रजत जयंती समारोह को किया संबोधित - आचार्य शांतिसागर महाराज के उपदेश शांति और सौहार्द्र के लिए सदा प्रासंगिक - उपराष्ट्रपति - आपराधिक कानूनों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कियासुपौल की धरती पर बुलडोजर बाबा का जलवा, भीमपुर में उमरा जन सैलाब! - मुर्दे ने लड़ा 10 साल तक मुकदमा - PM मोदी ने देहरादून में उत्तराखंड की स्‍थापना के रजत जयंती समारोह को किया संबोधित - आचार्य शांतिसागर महाराज के उपदेश शांति और सौहार्द्र के लिए सदा प्रासंगिक - उपराष्ट्रपति - आपराधिक कानूनों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया

करेंट से हाथी की मौत के मामले में दो और आरोपी गिरफ्तार, भेजे गए जेल

अपराध में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Tuesday, October 28, 2025

Strict legal action will be taken against all those involved in the crime.

पुलकित दास महंत प्रदेश स्टेट प्रभारी छत्तीसगढ़

यगढ़। तमनार वन परिक्षेत्र अंतर्गत केराखोल में करंट लगने से हाथी की मौत के मामले में वन विभाग को एक और बड़ी सफलता मिली है। रायगढ़ वनमंडल अधिकारी के मार्गदर्शन में परिक्षेत्र अधिकारी विक्रांत कुमार के नेतृत्व में चल रही जांच कार्रवाई के तहत दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार आरोपी 1. देवनारायण राठिया, पिता कमल प्रसाद, निवासी ग्राम बनाई 2 जयलाल मांझी, पिता सागर मांझी, निवासी ग्राम चिर्रामुड़ा दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

इससे पहले वन विभाग इस मामले में तीन अन्य आरोपियों बसंत राठिया, वीर सिंह मांझी और रामनाथ राठिया — को गिरफ्तार कर जेल भेज चुका है।

वन विभाग की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने अपने खेत की मेड़ पर जंगली सूअर का शिकार करने के लिए अवैध रूप से बिजली का तार बिछाया था। इसी करंट की चपेट में आकर हाथी की मौत हो गई थी।

आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस गंभीर अपराध में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
विभाग की टीम आगे भी जांच जारी रखे हुए है और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों से भी लगातार संवाद कर रही है।

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिले