गोपाल गुप्ता क्राइम ब्यूरो दैनिक अयोध्या टाइम्स समाचार पत्र
शाहजहांपुर | रमित शर्मा,अपर पुलिस महानिदेशक बरेली,जोन बरेली एवं अजय कुमार साहनी, पुलिस उप महानिरीक्षक बरेली,परिक्षेत्र बरेली के निर्देशन में, पुलिस अधीक्षक शाहजहाँपुर द्वारा साइबर क्राइम संबंधित घटनाओं को गम्भीरता से लिया जा रहा है जिसके क्रम में पुलिस अधीक्षक जनपद शाहजहाँपुर द्वारा मुकदमा उपरोक्त मे एसआईटी टीम का गठन किया गया था जिसमे अपर पुलिस अधीक्षक नगर व क्षेत्राधिकारी क्राइम , पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर के कुशल पर्यवेक्षण में तथा थाना प्रभारी साइबर क्राइम के नेतृत्व में थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम , एस.ओ.जी. टीम व सर्विलांस टीम ने उक्त डिजीटल अरेस्ट कर साइबर ठगी की घटना में संलिप्त अपराधियों की विशेष निगरानी एवं साइबर क्राइम से ठगे गये लोगों को उनकी धनराशि वापस कराये जाने के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक द्वारा कडे दिशा निर्देश दिये गये ।
संक्षिप्त विवरण-दिनांक 6/5/2025 से 15/5/2025 तक वादी शरदचन्द्र को डिजीटल अरेस्ट कर साइबर ठगो द्वारा उनके दो अकाउण्टो से कुल धनराशि रु 01 करोड़ 04 लाख 47 हजार 130 की ठगी की गयी । उक्त घटना के संबंध में शरदचन्द्र द्वारा दिनांक 4/6/2025 को साइबर क्राइम थाना पर मु0अ0सं0 11/2025 धारा 318(4), 319(2), 204,111(2)(ख)(4) BNS व 66(C), 66(D) IT ACT अभियोग पंजीकृत कराया गया ।
अपराध कारित करने का तरीका:- (MODUS OPERANDI)
साइबर ठगो द्वारा डिजीटल अरेस्ट तथा फिनटेक फ्रॉड की दो टीमे लगाकर साइबर ठगी की गयी है।
डिजिटल अरेस्ट कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि साइबर ठगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक धोखाधड़ी की तकनीक है। इसमें अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी या एजेंसी का प्रतिनिधि बताकर व्यक्ति को डराते हैं कि वह किसी अपराध में फंस गया है और उसे “डिजिटल रूप से गिरफ्तार” किया जा रहा है।
डिजिटल अरेस्ट कैसे किया जाता है
वीडियो कॉल या फोन पर खुद को पुलिस, CBI या कोर्ट का अधिकारी बताकर डराना
फर्जी दस्तावेज़, लोगो और पहचान पत्र दिखाकर विश्वास दिलाना
मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स या फाइनेंशियल फ्रॉड का आरोप लगाकर धमकाना
पीड़ित को घर में ही “डिजिटल कस्टडी” में रखने की बात कहना
बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवाना या लोन लेने को मजबूर करना
फिनटैक साइबर फ्रॉड-
फिनटैक साइबर फ्रॉड एक आधुनिक डिजिटल धोखाधड़ी है जिसमें ठग वित्तीय तकनीक (Fintech) प्लेटफॉर्म्स जैसे मोबाइल वॉलेट, UPI ऐप्स, डिजिटल लोन सेवाओं आदि का दुरुपयोग करते हैं
फिनटेक धोखाधड़ी के प्रमुख प्रकार
फिशिंग (Phishing):नकली वेबसाइट, ईमेल या SMS के माध्यम से उपयोगकर्ता से उसकी संवेदनशील जानकारी जैसे OTP, पासवर्ड, UPI पिन आदि प्राप्त करना।
UPI फ्रॉड: फर्जी QR कोड स्कैन करवाकर या कॉल के माध्यम से PIN डलवाकर खाते से पैसे निकालना।
लोन ऐप फ्रॉड:अवैध या फर्जी लोन ऐप इंस्टॉल करवाकर उपयोगकर्ता से व्यक्तिगत जानकारी लेना, फिर उसे ब्लैकमेल करना या मोबाइल डेटा (गैलरी, कॉन्टैक्ट्स आदि) का दुरुपयोग करना।
साइबर ठगी कॉल्स: खुद को बैंक अधिकारी, KYC एजेंट या सरकारी अधिकारी बताकर कॉल करना और डराकर बैंकिंग जानकारी हासिल करना। (मुकदमा उपरोक्त मे प्रयोग किया गया)
मालवेयर अटैक:किसी संदिग्ध लिंक या ऐप पर क्लिक करने से मोबाइल में वायरस आ जाता है, जो फिनटेक ऐप्स की जानकारी चुराकर वित्तीय नुकसान पहुंचा सकता है।
उपरोक्त प्रकरण मे डिजीटल अरेस्ट तथा फिनटैक साइबर फ्रॉड का प्रयोग कर वित्तीय ठगी की गयी है। फिनटैक साइबर फ्रॉड की टीम कमीशन पर किसी भी व्यक्ति का कोर्पोरेट करेंट अकाउण्ट विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफाम के माध्यम से चिन्हित करती है और फिर डिजीटल अरेस्ट किये हुये व्यक्ति का पैसा फेस टू फेस बैठा कर उस अकाउण्ट मे डालती है। कोर्पोरेट अकाउण्ट से Cash Management System द्वारा विभिन्न लाभार्थी अकाउण्ट एड कर पैसे को आगे ट्रांसफर किया जाता है। भिन्न भिन्न खातों में रुपये ट्रासंफर करा कर अंत में Saving Accounts से क्रिप्टो करंसी मे सम्पूर्ण धनराशि को किसी क्रिप्टो वालेट (जैसे Binance) में भेज दिया जाता है ।
विवेचना के दौरान पाया गया कि व्हाट्सअप पर विभिन्न एजेन्सियों (मिनिस्ट्री आफ फाइनेन्स डिपार्टमेंन्ट, ईडी, सीबीआई व कथित न्यायालय के जज) के अधिकारी का पद धारण कर वादी को व्हाटसअप वीडियो कॉल पर डिजीटल अरेस्ट कर लिया गया । जिसके बाद ठगों द्वारा जमानत व सारे लगाये गये आरोपों से बरी करने के नाम पर 04 खातों में कुल धनराशि 01 करोड़ 04 लाख 47 हजार 130 रु0 की ठगी कर ट्रांसफर करा ली गयी । उक्त धनराशि को फिनटेक फ्रॉड टीम द्वारा 09 Layers मे 40 बैंक अकाउण्टों में ट्रांसफर किये गया जिसमे हाई लिमिट के करंट/कॉर्पोरेट अकाउंट्स को Mule Account के तौर पर प्रयोग किया जाता है । उक्त क्रम में दिनांक 28.07.2025 को उक्त घटना में सम्मलित अभियुक्त मनीष खुर्मी पुत्र मोतीलाल उम्र करीब 31 वर्ष निवासी मकान नं0 1205 A , औमेक्स सिटी लुधियाना, थाना – सदर , लुधियाना, पंजाब , को अभियुक्त के के मकान नं0 1205 A , औमेक्स सिटी लुधियाना से गिरफ्तार कर बाद विधिक कार्यवाही माननीय न्यायालय श्रीमान जे0एम0 द्वितीय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
जागरुक रहे-सजक रहे, साइबर अपराध से सुरक्षित रहे ।
साइबर अपराध होने पर तत्काल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नं0 1930 पर काल कर अपनी शिकायत दर्ज कराये ।