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दैवीय सीख और भाईचारे का बंधन: ‘गणेश कार्तिकेय’ में भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की अद्भुत विकास यात्रा

भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय — अपने अनुभवों से सीखते हुए, विकसित होते हैं और पूर्ण देवताओं के रूप में अपनी पहचान प्राप्त करते हैं

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Friday, November 14, 2025

Lord Ganesha and Lord Kartikeya – learning from their experiences, evolve and achieve their identity as full-fledged deities

आयुष गुप्ता संवाददाता मुंबई: सोनी सब का पौराणिक शो ‘गाथा शिव परिवार की – गणेश कार्तिकेय’ अपनी अद्भुत दैवीय कथाओं से दर्शकों का दिल जीत रहा है। यह शो भगवान शिव (मोहित मालिक) और देवी पार्वती (श्रेनु पारिख) के पुत्रों — भगवान गणेश (एकांश कठरोतिया) और भगवान कार्तिकेय (सुभान खान) — की अब तक अनकही कहानियों को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है। यह शो शिव परिवार के संबंधों, चुनौतियों और उनके दिव्य संघर्षों को मानवीय भावनाओं और ब्रह्मांडीय संतुलन के संगम के रूप में दिखाती है।

आगामी एपिसोड्स में भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय को लेकर कैलाश लौटते हैं, जहाँ वे तीन ब्रह्म — हाहा (गुरु गोविंदा), हूहू (सोहित सोनी) और तुम्बुरु (कुनाल सेठ) — से मिलते हैं। इन ब्रह्मों के पास पाँच मूर्तियाँ होती हैं — भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान ब्रह्मा की — लेकिन वे भगवान कार्तिकेय को उनमें शामिल नहीं करते, क्योंकि वे उन्हें केवल सेनापति मानते हैं, देवता नहीं। यह देखकर भगवान गणेश नम्रता से हस्तक्षेप करते हैं। तत्पश्चात भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा, ब्रह्मों को भगवान कार्तिकेय के दैवीय महत्व के बारे में समझाते हैं। अपनी गलती का एहसास होने पर वे क्षमा माँगते हैं। इसी बीच, मूषक राज ऋषि पराशर (मनोज कोल्हटकर) के आश्रम में उपद्रव मचा देते हैं।

भगवान गणेश वहाँ पहुँचते हैं, तो मूषक उन्हें बुद्धि की परीक्षा की चुनौती देते हैं, यह सोचकर कि वे केवल ज्ञान के देवता हैं, शक्ति के नहीं। लेकिन भगवान गणेश हर प्रश्न का उत्तर सहजता से देते हैं, जिससे मूषक विनम्र हो जाते हैं। भगवान गणेश की बुद्धि और करुणा से प्रभावित होकर मूषक अपनी भूल स्वीकार करते हैं और विनती करते हैं कि उन्हें उनका वाहन बनने का अवसर मिले। इन समानांतर कथाओं के माध्यम से शो दर्शाता है कि कैसे दोनों भाई — भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय — अपने अनुभवों से सीखते हुए, विकसित होते हैं और पूर्ण देवताओं के रूप में अपनी पहचान प्राप्त करते हैं।

गणेश कार्तिकेय में भगवान गणेश की भूमिका निभा रहे एकांश कठरोतिया ने कहा, “यह ट्रैक भगवान गणेश की यात्रा का बहुत प्यारा और मनोरंजक हिस्सा दिखाता है। वह अपनी बुद्धि और शांत स्वभाव से हर समस्या का समाधान करते हैं, बिना क्रोधित हुए। मुझे मूषक राज के साथ के दृश्य बहुत पसंद आए — उनमें हास्य भी है और सीख भी। यह भी दिखाता है कि भगवान गणेश अपने उद्देश्य को समझना शुरू करते हैं, और कैसे दया और ज्ञान किसी को वास्तव में विशेष बनाते हैं।”

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