ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रूखाबाद
रतनपुर पमारान गांव-गांव शुद्ध पेयजल पहुंचाने के सरकारी दावे अमृतपुर क्षेत्र के रतनपुर पमारान गांव में खोखले साबित हो रहे हैं। लाखों रुपये की लागत से वर्षों पहले बनी पानी की टंकी आज तक गांव की प्यास नहीं बुझा सकी। हालात यह हैं कि टंकी केवल दिखावे की वस्तु बनकर रह गई है, जबकि ग्रामीण गर्मी में एक-एक बूंद पानी को तरस रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, परियोजना के तहत गांव की सड़कों को तोड़कर पाइपलाइन बिछाई गई थी। सैकड़ों लोगों से आधार कार्ड लेकर उनका विवरण भी लिया गया। कई घरों में पानी की टंकियां और नल कनेक्शन लगाए गए। उम्मीद थी कि अब पानी की समस्या खत्म हो जाएगी। मगर यह सपना आज तक अधूरा ही है।
“सिर्फ एक बार आया पानी, वो भी दो महीने पहले”गांव के निवासी नितीश कुमार नें बताया हैं कि टंकी बनने के बाद से अब तक सिर्फ एक बार पानी आया था। दो -तीन महीने बीतने के बाद भी दोबारा आपूर्ति नहीं हुई।
शोभित कुमार ने बताया है कि अभी तक केवल एक बार पानी आया जब टंकी का उद्घाटन हुआ था। तब से अब तक ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हुआ।गड्ढों से भी खतरा, सुरक्षा का अभाव टंकी परिसर में लगभग तीन से चार फीट गहरे गड्ढे खुले पड़े हैं। कोई हादसा हो गया तो जिम्मेदारी किसकी होगी? न तो टंकी का कोई मेन गेट है और न ही कोई चौकीदार।
जनप्रतिनिधियों की भी चुप्पी ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के समय नेता और अधिकारी पानी की सप्लाई जैसे मुद्दों पर खूब वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही सब नदारद हो जाते हैं। इस बीच, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी ग्रामीणों की नाराज़गी को बढ़ा रही है।ग्रामवासियों की अपील गांववासियों ने संबंधित अधिकारियों से अपील की है कि टंकी से पानी की आपूर्ति जल्द से जल्द शुरू कराई जाए, ताकि गांव को गर्मी में राहत मिल सके।जिस संबंध में खंड विकास अधिकारी सुनील जायसवाल से जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
पानी की टंकी बनी ‘सफेद हाथी’, प्यासे हैं लोग, अधिकारी मौन
ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रूखाबादरतनपुर पमारान गांव-गांव शुद्ध पेयजल पहुंचाने के सरकारी दावे अमृतपुर क्षेत्र के रतनपुर पमारान गांव में खोखले साबित हो रहे हैं। लाखों रुपये की लागत से वर्षों पहले बनी पानी की टंकी आज तक गांव की प्यास नहीं बुझा सकी। हालात यह