केंद्रीय मंत्री ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2025 में खान मंत्रालय के मंडप का किया उद्घाटन - सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस – गर्दन का दर्द जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए - मोहित मलिक ने सोनी सब के ‘गणेश कार्तिकेय’ पर कहा: “इस शो ने मुझे याद दिलाया कि शांति हर भूमिका में केंद्रित रहने से आती है — चाहे वह शिव हो या पिता” - दैवीय सीख और भाईचारे का बंधन: ‘गणेश कार्तिकेय’ में भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की अद्भुत विकास यात्रा - क्रिकेट का नया युग शनिवार से शुरू, सुंदरपुर में सॉलिटेयर क्रिकेट ग्राउंडकेंद्रीय मंत्री ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2025 में खान मंत्रालय के मंडप का किया उद्घाटन - सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस – गर्दन का दर्द जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए - मोहित मलिक ने सोनी सब के ‘गणेश कार्तिकेय’ पर कहा: “इस शो ने मुझे याद दिलाया कि शांति हर भूमिका में केंद्रित रहने से आती है — चाहे वह शिव हो या पिता” - दैवीय सीख और भाईचारे का बंधन: ‘गणेश कार्तिकेय’ में भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की अद्भुत विकास यात्रा - क्रिकेट का नया युग शनिवार से शुरू, सुंदरपुर में सॉलिटेयर क्रिकेट ग्राउंड

पंजाब की बाढ़ में उम्मीद बना “चार बंगला गुरुद्वारा”

हरार कलां गांव को गोद लेकर 125 एकड़ की खेती के लिए बीज, खाद और डीजल दिया गया

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Wednesday, October 29, 2025

Char Bangla Gurdwara becomes a hope in Punjab floods

मुंबई (अनिल बेदाग) : मुंबई के चार बंगला गुरुद्वारा साहिब ने अध्यक्ष सरदार जसपाल सिंह सूरी और मनिंदर सिंह सूरी के नेतृत्व में पंजाब के बाढ़ प्रभावित जिलों—फिरोजपुर, तरन तारन, कपूरथला और अजनाला में मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की। लगभग ₹50 लाख की सहायता सामग्री के साथ गुरुद्वारा समिति ने राहत किट, भोजन, दवाएं, नावें और चारे की आपूर्ति सुनिश्चित की। अजनाला के डुब्बर गांव में 75 एकड़ भूमि पर गेहूं की बुआई का खर्च उठाया गया, जबकि हरार कलां गांव को गोद लेकर 125 एकड़ की खेती के लिए बीज, खाद और डीजल दिया गया। 

संकटग्रस्त किसानों की बेटियों की शादियों का खर्च उठाना और नष्ट घरों का पुनर्निर्माण इस सेवा की विशेष झलक है। श्री सूरी ने कहा, “यह केवल राहत नहीं, बल्कि गरिमा और उम्मीद को पुनर्जीवित करने का प्रयास था।” संगत और सेवकों की एकजुटता ने साबित किया कि सेवा जब समर्पण बन जाए, तो हर आपदा छोटी लगने लगती है।

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