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चकमार्ग कब्जे पर बवाल: एसडीएम कैराना के खिलाफ पत्रकारों का मोर्चा, मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना के आरोप

इस संबंध में कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन तहसील प्रशासन आज तक कब्जा हटाने में पूरी तरह विफल रहा है

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Saturday, December 27, 2025

Chak Marg occupation uproar: Journalists protest against SDM Kairana, alleging disobedience of Chief Minister's orders

रिपोर्ट अहसान सैफी जनपद शामली
कैराना ।
कैराना तहसील में सरकारी चकमार्ग और नाली पर हुए अवैध कब्जों को लेकर अब प्रशासनिक चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। स्थानीय पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि कैराना की एसडीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट आदेशों की खुलेआम अनदेखी कर रही हैं और दबंग कब्जाधारियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है।
पत्रकारों का कहना है कि कैराना तहसील क्षेत्र के बाहर हदूद, हल्का-02 स्थित खसरा संख्या 990 व 991 पर सरकारी चकमार्ग और नाली पर लंबे समय से अवैध कब्जा बना हुआ है। इस संबंध में कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन तहसील प्रशासन आज तक कब्जा हटाने में पूरी तरह विफल रहा है।

डीएम के आदेश भी बेअसर, तहसील प्रशासन पर उठे सवाल सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी शामली अरविंद चौहान द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद भी न तो चकमार्ग को कब्जामुक्त कराया गया और न ही नाली को खुलवाया जा सका। इस स्थिति ने प्रशासनिक कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

पत्रकारों का आरोप है कि एसडीएम और तहसील प्रशासन दबंगों के सामने नतमस्तक दिखाई दे रहा है, जबकि आम जनता को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। पीड़ित किसानों का कहना है कि चकमार्ग बंद होने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और सरकारी संपत्ति खुलेआम लूटी जा रही है। एसडीएम की कार्यशैली के खिलाफ पत्रकारों में उबाल
मामले को लेकर कैराना के पत्रकारों ने आपातकालीन बैठक कर प्रशासनिक रवैये पर कड़ा रोष जताया।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो एसडीएम के कथित कृत्यों की पोल को सार्वजनिक रूप से उजागर किया जाएगा। पत्रकारों ने यह भी आरोप लगाया किशिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहाकार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति हो रही हैसरकारी भूमि पर कब्जे को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा हैमुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना का आरोपपत्रकारों और स्थानीय लोगों का कहना है कि योगी सरकार ‘भू-माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश’ का दावा करती है, लेकिन कैराना में हालात इसके उलट नजर आ रहे हैं। आरोप है कि एसडीएम स्तर से ही कार्रवाई को रोका जा रहा है, जिससे दबंगों के हौसले बुलंद हैं।

अब निगाहें जिला प्रशासन पर पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही चकमार्ग व नाली को कब्जामुक्त नहीं कराया गया, तो यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक ले जाया जाएगा और आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
फिलहाल, पूरे प्रकरण ने कैराना में प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है और अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि जिला प्रशासन और शासन स्तर से कब और क्या ठोस कार्रवाई होती है।

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