आयुष गुप्ता ( कानपुर) : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को सभी चुनावों की मां कहा जाना अतिशयोक्ति नहीं है। 243 सीटों वाले इस महायुद्ध में न सिर्फ केंद्रीय सत्ता का भविष्य दांव पर है, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक साख, विपक्षी महागठबंधन की एकजुटता और प्राशांत किशोर जैसे नए लेकिन अनुभवी प्लेयर्स का भविष्य भी अधर में लटक रहा है।
7.42 करोड़ मतदाताओं, जिनमें 14 लाख नए वोटरों के बीच यह चुनाव विकास, बेरोजगारी, जाति समीकरण और प्रवासन जैसे मुद्दों पर केंद्रित है।