ब्यूरो चीफ धर्मेंद्र सिंह राठौर हरदोई
उत्तर प्रदेश सरकार की गौ सेवा की हकीकत को उजागर करती हरदोई की ये तस्वीरें बेहद हृदयविदारक हैं। जिले के मझिला थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत सहारुआ (तहसील शाहाबाद) स्थित गौशाला में बेजुबान गोवंश तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। हालात इतने भयावह हैं कि एक जीवित बछड़े को करीब दो दर्जन कुत्तों ने गौशाला के भीतर ही नोच-नोचकर मार डाला।स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए प्रशासन की घोर लापरवाही पर सवाल खड़े किए हैं। गौशाला, जो कि गोवंश के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल होना चाहिए, वह अब मौत का अड्डा बन चुकी है।जिम्मेदारों की चुप्पी, गौ संरक्षण पर भारी गौशाला में लगातार गोवंशों की मौतें हो रही हैं। कई मृत पशु खुले में पड़े रहते हैं, जिन्हें आवारा कुत्ते नोचते रहते हैं। वीडियो और तस्वीरों में साफ दिखाई देता है कि प्रशासन की ओर से कोई निगरानी या उपचार की व्यवस्था नहीं की गई है।गौ रक्षा के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार की कार्यप्रणाली पर अब जनता सवाल उठा रही है।अभय चौहान ने दी चेतावनी, नहीं हुई कार्रवाई तो आंदोलन समाजसेवी अभय चौहान ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपने सहयोगियों संग अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व इसी ब्लॉक के भूपापुरवा में भी ऐसी ही दर्दनाक घटना हुई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया।”हरदोई में आखिर क्यों लगातार गौमाताओं पर अत्याचार हो रहा है? क्या ये सरकारी योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर हैं?” — अभय चौहान ने सवाल उठाया।”गौ माता” को नरक जैसे हालात से कब मिलेगी मुक्ति यह मामला केवल हरदोई का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में गौशालाओं की दुर्दशा का एक प्रतिबिंब है। सवाल उठता है क्या गौशालाएं सिर्फ फाइलों तक सीमित हैं।क्या बेजुबानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।और सबसे बड़ा सवाल: क्या सरकार और प्रशासन को जागने के लिए और कितनी लाशों की जरूरत है।मार्मिक न्यूज़ इस विषय पर शासन-प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप और पीड़ित गोवंशों के लिए ठोस व्यवस्था की मांग करता है।