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सोनी सब पर एकेन बाबू के डेब्यू से पहले, जानिए वे आइकॉनिक जासूसी शो जिन्होंने हिंदी टेलीविज़न पर रहस्यों की परिभाषा ही बदल दी

बंगाली भाषा में बेहद लोकप्रिय यह शो अब हिंदी में डब होकर सोनी सब पर प्रसारित होने जा रहा

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Tuesday, November 11, 2025

This very popular Bengali show is now going to be dubbed in Hindi and aired on Sony SAB.

आयुष गुप्ता मुंबई: गाजर चबाने वाले ‘80 के दशक के जासूसों से लेकर आधुनिक दौर के भावनात्मक और चतुर डिटेक्टिव तक — भारतीय टेलीविजन ने दशकों में कुछ अविस्मरणीय अपराध सुलझाने वाले किरदार दिए हैं। हर दशक ने रहस्यकथाओं को बयां करने का अपना अनोखा अंदाज़ गढ़ा। अब इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, अग्रणी हिंदी चैनल सोनी सब लेकर आ रहा है एक नया और मज़ेदार ट्विस्ट — अपने आगामी जासूसी कॉमेडी शो “एकेन बाबू” के साथ। यह शो एक अनोखे, तेज़-तर्रार बंगाली जासूस ‘एकेन’ पर केंद्रित है, जिसकी सहज सी लगने वाली शख्सियत के पीछे छिपा है एक बेहद तेज़ दिमाग। बंगाली भाषा में बेहद लोकप्रिय यह शो अब हिंदी में डब होकर सोनी सब पर प्रसारित होने जा रहा है। इस मौके पर एक नज़र डालते हैं उन पाँच प्रतिष्ठित जासूसी शो पर जिन्होंने भारतीय टेलीविज़न पर जासूसी शैली की नई परिभाषा गढ़ी –

  1. करमचंद (1985)

चमकदार, टेक्नोलॉजी-स्मार्ट जांच अधिकारियों के आने से बहुत पहले, भारत को मिला था उसका पहला कल्ट जासूस — करमचंद। 1985 में प्रसारित इस शो ने दर्शकों को परिचित कराया पंकज कपूर के उस विचित्र लेकिन प्रतिभाशाली डिटेक्टिव से, जो हमेशा हाथ में गाजर और जेब में कोई न कोई सुराग रखता था। उसकी सहयोगी किटी (सुष्मिता मुखर्जी) की मज़ेदार मासूमियत और करमचंद के चुटीले संवादों ने साधारण जांच को भी मनोरंजक पहेलियों में बदल दिया। यह शो न सिर्फ भारतीय टेलीविज़न पर जासूसी शैली को लोकप्रिय बना गया, बल्कि चतुर और हास्यपूर्ण रहस्यकथाओं की नई राह भी खोली।

  1. ब्योमकेश बक्शी (1993)
    भारतीय जासूसी शो की कोई भी सूची ब्योमकेश बक्शी के बिना अधूरी है। रजत कपूर द्वारा निभाया गया यह किरदार ‘90 के दशक की पहचान बन गया। शरदिंदु बंद्योपाध्याय की साहित्यिक रचना पर आधारित यह शो अपनी बुद्धिमत्ता, गहराई, संवादों और पुराने कोलकाता की पृष्ठभूमि के कारण एक कल्ट क्लासिक बन गया। आज भी यह शो रहस्य प्रेमियों के बीच उतना ही लोकप्रिय है।
  2. सीआईडी (1998)

“बिंज-वॉचिंग” शब्द के प्रचलन से बहुत पहले, सीआईडी ने भारत के दर्शकों को टीवी से जोड़े रखा। दो दशकों से अधिक समय तक चलने वाला यह शो एसीपी प्रद्युमन, दया, और अभिजीत जैसे प्रतिष्ठित किरदारों और उनके मशहूर डायलॉग्स (“दया, दरवाज़ा तोड़ दो!”) के लिए जाना जाता है। थ्रिल, रहस्य और टीमवर्क का शानदार मिश्रण पेश करते हुए सीआईडी ने अपराध जांच की दुनिया को घर-घर तक पहुंचा दिया और यह भारतीय टेलीविज़न की सबसे प्रिय जासूसी फ्रेंचाइज़ी बन गई।

  1. स्पेशल स्क्वॉड (2004)

आज के हाई-टेक क्राइम शो से पहले, स्पेशल स्क्वॉड ने दर्शकों को परिचित कराया एक सुसंस्कृत, आधुनिक जांच दल से, जिसका नेतृत्व करता था आर्यन खन्ना (भानु उदय)। इस शो ने भावनात्मक गहराई, फॉरेंसिक, इंटेलिजेंस और मनोविज्ञान को मिलाकर जासूसी कथाओं में नई यथार्थता लाई। इसकी सशक्त कहानी और विज़ुअल स्टाइल ने भारतीय क्राइम ड्रामा को एक नया आयाम दिया।

  1. एकेन बाबू (इस नवंबर में होगा लॉन्च)
    अब इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है एकेन बाबू, जो जल्द ही सोनी सब पर प्रसारित होने जा रहा है — वह चैनल जो अपने पारिवारिक और हल्के-फुल्के मनोरंजन के लिए जाना जाता है। आठ सफल वेब सीज़न और तीन सुपरहिट फिल्मों के बाद, यह बंगाली जासूस अब पूरे भारत के हिंदी दर्शकों को मोहित करने आ रहा है। एकेन्द्र सेन (अनिर्बाण चक्रवर्ती) यानी एकेन बाबू एक अजीबोगरीब, खाने के शौकीन और चतुर जासूस हैं, जिनकी सरल आदतों के पीछे छिपा है एक धारदार दिमाग। उनकी हास्यपूर्ण शैली और दिलचस्प व्यक्तित्व पारंपरिक गंभीर जासूसों से बिल्कुल अलग है। बुद्धिमत्ता और गर्मजोशी से लिपटी इन रहस्यकथाओं के साथ, एकेन बाबू यह साबित करने आ रहे हैं कि सबसे कठिन केस सुलझाने के लिए आपको ट्रेंच कोट पहनने की ज़रूरत नहीं — बस एक अनोखा दिमाग चाहिए।

जैसे-जैसे जासूसी शैली विकसित हो रही है, सोनी सब पर एकेन बाबू दर्शकों को रहस्य, बुद्धि और हास्य का ऐसा नया संगम देने का वादा करता है जो यह याद दिलाएगा — सुरागों से भरी इस दुनिया में, अक्सर सबसे विचित्र दिमाग ही सच तक पहुँचते हैं।

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