मुंबई (अनिल बेदाग): “हर बच्चे को मौका चाहिए, ना कि महज़ किस्मत” — इसी सोच के साथ चांस2स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने 25 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के साथ अपने पांच साल के “नेक्स्टजेन सुपर 30” मिशन की शुरुआत की। क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) में आयोजित इस भव्य फंडरेज़र लंच ने भारत के ग्रासरूट स्तर पर खेल प्रतिभा को नया आयाम देने की दिशा में कदम बढ़ाया।
इस प्रोजेक्ट के तहत देशभर के हर वर्ग से 300 युवा एथलीटों को चुना जाएगा और उन्हें उच्चस्तरीय ट्रेनिंग, उपकरण और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। इस पहल का मकसद साफ है — बच्चे का बैंक बैलेंस नहीं, उसका टैलेंट तय करेगा उसका भविष्य।
सीसीआई के नवल पांडोले और ऑस्ट्रेलियाई स्क्वैश लीजेंड जेफ डेवनपोर्ट ने इस मुहिम की सराहना की। डेवनपोर्ट ने कहा, “चांस2स्पोर्ट्स सिर्फ खिलाड़ी नहीं बना रहा, बल्कि भविष्य के चैंपियंस तैयार कर रहा है।”
फाउंडेशन के को-फाउंडर अभिनव सिन्हा ने बताया कि आने वाले पांच वर्षों में लगभग 3,000 बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा, जिनमें से 300 को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। आधुनिक टेक्नोलॉजी और डेटा-आधारित मूल्यांकन से यह फाउंडेशन भारत के छिपे हुए खेल सितारों को खोजने का नया रास्ता बना रहा है।