गोरखपुर । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” विषय पर छात्र संगोष्ठी का आयोजन
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग एवं दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के संयुक्त तत्वावधान में आज लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” विषय पर छात्र संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग की अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष प्रो० सुनीता दूबे एवं दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की निदेशक प्रो. सुषमा पाण्डेय द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन में अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष प्रो. सुनीता दूबे ने कहा कि सरदार पटेल का भारत के एकीकरण में अमूल्य योगदान हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।

उन्होंने कहा कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का भाव केवल नारे तक सीमित नहीं, बल्कि यह देश की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक विविधता में निहित एकता का प्रतीक है। कार्यक्रम की संयोजिका दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ की निदेशक प्रो. सुषमा पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने अपने अदम्य साहस, दूरदृष्टि और संगठन कौशल से देश की रियासतों को एक सूत्र में बाँधकर एक भारत के निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई।
उनके आदर्शों से प्रेरित होकर एक भारत श्रेष्ठ भारत विषय पर यह छात्र संगोष्ठी आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक विविधता और अखंड भारत की भावना को सशक्त बनाना है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति बाला एवँ आभार ज्ञापन डॉ. अर्जुन सोनकर ने किया l
संगोष्ठी में बी.एड, एम. एड एवं पीएचडी के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए एक भारत श्रेष्ठ भारत विषय पर अपने विचार व्यक्त किए, देश की एकता एवं सांस्कृतिक विविधता पर चर्चा, राष्ट्रीय एकता शपथ” का आयोजन भी आयोजन किया गया l इस अवसर पर प्रो. उदय सिंह, डॉ. राजेश कुमार सिंह, डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी, डॉ. ममता चौधरी, डॉ. मीतू सिंह, डॉ. दुर्गेश पाल, डॉ. अनुपम सिंह, डॉ. लक्ष्मी जयसवाल, डॉ. मुकेश सिंह, अजय तिवारी, माधवेंद्र तिवारी, धीरेन्द्र सिंह अंकिता, दीपक मिश्र, अनीस, पीयूष, नित्या गुरुंग, राहुल शिवशंकर प्रसाद, अतुल राय शिवेन्द्र, प्रीति, अभिनव सहित दो दर्जन से अधिक लोगों ने कार्यक्रम को संबोधित किया l







