
सीतापुर! उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा पांच हजार प्राथमिक विद्यालयों का अन्य प्राथमिक विद्यालयों में विलय का निर्णय गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे गरीब परिवारों के बच्चों की जिंदगी और भविष्य के अलावा स्वास्थ्य के साथ एक ऐसा खिलवाड़ है जो इन सभी के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होगा!यह बात किसान मंच राष्ट्रीय सचिव/प्रदेश प्रभारी किसान मंच शिव प्रकाश सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही है!उन्होंने कहा कक्षा एक से पांच तक कम उम्र के बच्चों को अपने घर से दो तीन किलोमीटर दूर के स्कूल में पहुंच कर शिक्षा ग्रहण करना नामुमकिन है कारण इतनी दूरी में जंगल के अलावा गन्ने की लम्बी फसल किसी भी दुर्घटना में सहायक बन सकती है जंगली जानवरों के साथ आए दिन इंसान के रूप में घूम रहे जानवरों की हवस के शिकार बच्चों के साथ आए दिन हो रही इस तरह की घटनाओं के अलावा इतनी कम उम्र में अलग~ अलग मौसम में घर से पांच छह किलोमीटर पैदल चलकर जाने और आने की दूरी बच्चों की जिंदगी के लिए हर तरह से बहुत ही घातक साबित होगी!इस तरह का निर्णय सिर्फ गरीबों के शोषण हेतु लिया जाना मानवता के विरुद्ध है!सभी को पता है कि जिन घरों में रोटी नसीब है उन सभी के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं, प्राथमिक विद्यालयों में सिर्फ भुखमरी से जूझ रहे उन गरीब परिवारों के बच्चों का भविष्य निर्भर है जो बेचारे किसी तरह से मेहनत मजदूरी करके दो वक्त की रोटी के लिए पसीना बहाने के लिए विवश होते हैं, और अपने बच्चों के भविष्य के सपने इन सरकारी स्कूलों की शिक्षा में देखते हैं,शिक्षा में लगाव रखने वाले बच्चों को कामयाबी का रास्ता दिखाकर उन्हें उनके मनमाफिक मुकाम तक पहुंचाते हैं!शिव प्रकाश सिंह ने कहा कि जनहित में प्रदेश सरकार द्वारा इस निर्णय को वापस लेना होगा वरना भाजपा को सड़कों पर हो रहे विरोध के साथ न्यायालय में जवाबदेही के साथ भविष्य में इसका परिणाम भुगतना होगा!