रायबरेली ब्यूरो। शनिवार को भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व पूरी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शुभ मुहूर्त में बहनों ने भाइयों के हाथों पर रक्षा सूत्र बांधा। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से सब कुछ ले लिया।
उस समय राजा बलि ने भगवान विष्णु से वरदान मांगा की भगवान विष्णु पाताल लोक में उनके साथ निवास करें। इस पर भगवान विष्णु पाताल लोक चले गए। उनके पाताल लोक जाने से लक्ष्मी मां को दिक्कत हुई और उन्होंने विष्णु भगवान को राजा बलि से मुक्त करवाने का प्रण लिया।
इसके लिए लक्ष्मी मां ने भेष बदला और पाताल लोक जाकर राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। उपहार स्वरूप राजा बलि से लक्ष्मी मां ने भगवान विष्णु को पाताल लोक से वैकुंठ ले जाने की मांग की, जिसको राजा बलि ने स्वीकार कर लिया और भगवान विष्णु को लक्ष्मी मां के साथ बैकुंठ विदा कर दिया। इसी के साथ भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह वादा किया कि चातुर्मास की अवधि में वह पाताल में आकर निवास करेंगे।
उसके बाद से प्रतिवर्ष 4 महीने के लिए भगवान विष्णु पाताल लोक में निवास करते हैं। रक्षाबंधन के पावन अवसर पर जहां एक ओर बहनों ने भाइयों कलाई पर राखी और उनका तिलक किया तथा उनको मीठा खिलाया। वहीं दूसरी ओर भाइयों ने भी अपनी बहन को यथासंभव अपनी क्षमता से ज्यादा उपहार दिए। रक्षाबंधन के अवसर पर बाजारों में मिठाई और राखी की दुकानों के अलावा सभी दुकान लगभग बंद रहे और सड़कों पर वाहनों की भीड़ दिखाई दी।
सभी अपने भाई के घर जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवा या अपने निजी वाहन से गंतव्य की ओर जाती हुई दिखाई थी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई थी। जिसमें रायबरेली डिपो की 100 से ज्यादा बसे लगाई गई थी। महिलाओं ने भी ऑफर का भरपूर लाभ उठाया तथा निशुल्क यात्रा कर अपनी जेब ढीली होने से बचा लिया।





