“आपातकाल: एक काला अध्याय” विषयक प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीय सांसद श्री रमेश कुमार अवस्थी द्वारा सम्पन्न

आपातकाल स्वतंत्र भारत के इसिहास का सबसे काला अध्याय:सांसद कानपुर नगर आज मा. सांसद रमेश कुमार अवस्थी जी ने कलेक्ट्रेट परिसर, कानपुर नगर में आयोजित विशेष प्रदर्शनी “आपातकाल: एक काला अध्याय” का विधिवत उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 1975 में लगे आपातकाल की घटनाओं, प्रभावों और उससे मिली

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Wednesday, June 25, 2025

आपातकाल स्वतंत्र भारत के इसिहास का सबसे काला अध्याय:सांसद

कानपुर नगर

आज मा. सांसद रमेश कुमार अवस्थी जी ने कलेक्ट्रेट परिसर, कानपुर नगर में आयोजित विशेष प्रदर्शनी “आपातकाल: एक काला अध्याय” का विधिवत उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 1975 में लगे आपातकाल की घटनाओं, प्रभावों और उससे मिली सीख को आमजन तक पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मा. सांसद द्वारा की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, पत्रकारगण, बुद्धिजीवी वर्ग आदि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मा. सांसद रमेश कुमार अवस्थी जी ने कहा “25 जून 1975 को देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक ऐसा दिन था, जब संविधान और नागरिक अधिकारों पर आघात हुआ। आज की यह प्रदर्शनी हमें उस दौर की सच्चाइयों से अवगत कराती है और यह संदेश देती है कि लोकतंत्र की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे काला अध्याय है”

प्रदर्शनी में आपातकाल की घोषणा की परिस्थितियाँ, मौलिक अधिकारों का निलंबन, प्रेस सेंसरशिप, विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी, नसबंदी अभियान, अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर प्रभाव, न्यायपालिका व मीडिया पर नियंत्रण, लोकतंत्र की पुनः स्थापना और जनता का संघर्ष आदि विषयों पर चित्र, दस्तावेज़ एवं जानकारी प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी में यह भी दर्शाया गया कि किस प्रकार 1977 के आम चुनाव में जनता ने लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए ऐतिहासिक मतदान किया और इंदिरा गांधी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने हस्ताक्षर अभियान में प्रतिभाग किया और आपातकाल के दौरान हुए नागरिक अधिकारों के दमन को याद किया।

मा. सांसद ने युवाओं से आह्वान किया कि वे इतिहास से सीख लें और अपने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनें। इस अवसर पर सीडीओ दीक्षा जैन, एडीएम सिटी राजेश कुमार सहित विभिन्न अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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