
राजनाथ सिंह ने 4 जुलाई, 2025 को तेलंगाना के हैदराबाद में एक कार्यक्रम में कहा, “आतंकवादियों ने पहलगाम में अपने धर्म के आधार पर निर्दोष नागरिकों की हत्या की, जबकि सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से उनके कर्मों के आधार पर आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया।” उन्होंने दोहराया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे को ध्वस्त करते समय धैर्य और संयम का प्रदर्शन किया साथ ही यह भी कहा कि पूरी सावधानी बरती गई ताकि किसी भी नागरिक आबादी को नुकसान न पहुंचे। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्र बल भविष्य में आतंकवाद के खिलाफ सभी प्रकार की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र और सक्षम हैं।

यह कार्यक्रम महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 128वीं जयंती समारोह के एक अंग के तौर पर आयोजित किया गया था। राजनाथ सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित धैर्य और संयम अल्लूरी सीताराम राजू के गुणों के समान था, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान दिया था। उन्हें एक ‘संत-योद्धा’ बताते हुए रक्षा मंत्री ने अल्लूरी जी की नैतिक स्पष्टता और जमीनी स्तर के नेतृत्व का आह्वान करते हुए उनकी विरासत और भारत की आधुनिक रक्षा व विकास रणनीति के लोकाचार के बीच सीधा संबंध स्थापित किया। उन्होंने कहा, “अल्लूरी जी सिर्फ एक क्रांतिकारी नहीं थे, वह एक आंदोलन थे। सीमित संसाधनों के बावजूद उनका गुरिल्ला प्रतिरोध सिद्धांत से प्रेरित साहस का एक चमकदार उदाहरण बना हुआ है। उन्होंने हमें सिखाया कि अन्याय के खिलाफ खड़े होना सिर्फ एक अधिकार नहीं है, यह राष्ट्र का धर्म है।”