Sitapur News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की गदन खेड़ा बाईपास पर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 उस वक्त लोगों के लिए तमाशा बन गया जब सड़क पर अचानक दो युवतियों ने अजीबोगरीब हरकत शुरू कर दी। कानपुर की रेनू राजपूत और उन्नाव की नाज खान ने हाईवे को ही फिल्मी सेट बना डाला। दोनों ने बीच सड़क पर लेटकर अश्लील इशारों वाले वीडियो शूट किए और इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिए। देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया और सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हंगामा मच गया।

अब सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ मजाक था या फिर खुला कानून उल्लंघन? क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की रफ्तार मौत से खेलती है। ऐसे में सड़क को शूटिंग लोकेशन बना देना सीधा-सीधा खतरे को न्योता है। आईपीसी की धारा 283 कहती है कि यह सार्वजनिक सुरक्षा में बाधा है, वहीं आईटी एक्ट की धारा 67 अश्लील कंटेंट फैलाने पर सख्त सजा का प्रावधान करती है। यानी कानूनी तौर पर इन दोनों युवतियों ने बड़ा रिस्क ले लिया है।लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती। सोशल मीडिया पर फेमस होने की भूख अब महामारी की तरह फैल चुकी है।
हाल ही में संभल जिले की बहनेंकृमहक और परीकृने इसी तरह के वल्गर वीडियो बनाए थे। पुलिस ने उन्हें दबोचा और आईटी एक्ट के तहत चार लोगों को जेल भेजा। चैंकाने वाली बात यह रही कि वे इस तरह की गंदी रील्स से हर महीने 25 से 30 हजार रुपये कमा रही थीं।उन्नाव में भी कुछ वक्त पहले राहुल जयकर नामक युवक को अश्लील वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि उसे बाद में जमानत मिल गई, मगर इस घटना ने यह साबित कर दिया कि वायरल होने की चाहत इंसान को कुछ भी करने पर मजबूर कर देती है।लोगों की मानें तो हाईवे पर इस तरह का ‘ड्रामे’ करना आत्महत्या से कम नहीं। सौ की रफ्तार से भागते ट्रकों और कारों के बीच सड़क पर लेटना जान देकर लाइक्स कमाने जैसा है। यह न केवल खुद के लिए खतरनाक है, बल्कि अन्य लोगों की जान भी जोखिम में डालता है।
अब आम जनता पूछ रही है कि क्या उन्नाव पुलिस इस मामले में सख्त कदम उठाएगी? या फिर यह मामला भी सिर्फ सोशल मीडिया की हलचल बनकर रह जाएगा? क्योंकि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो यह संदेश जाएगा कि कानून सिर्फ दिखाने के लिए है और चाहो तो सड़क पर अश्लील रील्स बनाओ, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। समाजशास्त्रियों का कहना है कि लाइक्स और फॉलोवर्स का नशा आज युवाओं को अंधे कुएं में धकेल रहा है। अश्लील इशारे, भड़काऊ डायलॉग और अभद्र भाषा ही अब ‘कंटेंट’ बन गए हैं।
लोग खुद की जान और इज्जत दोनों दांव पर लगा रहे हैं।फिलहाल समाज के सामने सबसे बड़ा सवाल यही हैकृक्या हम ऐसे कंटेंट को देखना बंद करेंगे? क्योंकि जब तक दर्शक तालियां बजाते रहेंगे, तब तक सड़कें शूटिंग स्पॉट और सोशल मीडिया ‘अश्लीलता का अड्डा’ बने रहेंगे। कानून और समाज दोनों को अब सख्त होना होगा। वरना कल कोई और लड़की या लड़का हाईवे पर जान जोखिम में डालकर ‘रील स्टार’ बनने की कोशिश करेगा और हादसे के बाद यह बहस फिर से दोहराई जाएगी।






