ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रूखाबाद | अमृतपुर तहसील सभागार में सोमवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस इस बार सुर्खियों में रहा। एक ओर जहां बाढ़ से बेहाल ग्रामीण अपनी समस्याएँ लेकर पहुँचे, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की लापरवाही और असंवेदनशीलता भी उजागर हुई। बाढ़ की मार और ग्रामीणों की बेबसी तहसील क्षेत्र में इस समय बाढ़ का पानी भरा हुआ है। कई गाँव अब भी चारों ओर से पानी से घिरे हुए हैं।
सड़कों पर पानी होने के कारण ग्रामीणों को तहसील तक आने में भारी दिक्कतें हुईं। यही वजह रही कि इस बार समाधान दिवस में केवल 7 प्रार्थना पत्र ही दर्ज किए जा सके। ग्रामीणों ने प्रशासन से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री, खाद्यान्न वितरण और अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने की मांग की। ग्रामीणों की मुख्य शिकायतें गलारपुर निवासी रामनिवास ने बताया कि उसकी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया है और प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा।
कमालुद्दीनपुर निवासी छोटी बिटिया ने आरोप लगाया कि गांव के दबंगों ने उसके साथ मारपीट की, लेकिन पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। कनकापुर निवासी ज्योति ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री दिलाने और नाली निर्माण कराने की मांग रखी।सर्वेश पट्टीदारापुर ने कहा कि दबंगों ने ग्राम सभा के खाद गड्ढों पर मकान बना लिया है।नगला केवल निवासी दो दर्जन ग्रामीणों ने सामूहिक प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की कि महीनों से उन्हें राशन नहीं मिला।
कमालुद्दीनपुर निवासी अशोक कुमार ने भी बाढ़ राहत किट की मांग प्रशासन के सामने रखी। निराश लौटे ग्रामीण गांव से आए पीड़ितों को इस बात की उम्मीद थी कि समाधान दिवस पर उनकी समस्या सुनी जाएगी और कोई ठोस कार्रवाई होगी, लेकिन मौके पर एक भी प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं हो सका।इससे नाराज ग्रामीण मायूस होकर वापस लौट गए।एसडीएम का सख्त रुख इस मामले पर उप जिलाधिकारी संजय सिंह ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है।
उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग को पत्र भेजा जाएगा और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त शिकायतों का निस्तारण 7 दिनों के भीतर हर हाल में किया जाए। बाढ़ से घिरे ग्रामीणों की उम्मीदें प्रशासन से टिकी हुई हैं, लेकिन मौके पर निस्तारण न होने और अधिकारियों की लापरवाही ने लोगों का भरोसा डगमगाना शुरू कर दिया है।