ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रूखाबाद | गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर ने जनपद के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं, कच्चे मकान ढहने लगे हैं और गांव की गलियों में नावें ही सहारा बन गई हैं। इस आपदा के बीच समाजसेवी समरदीप चौहान उर्फ़ टीटू भैया ने बाढ़ पीड़ितों की मदद का मोर्चा संभाल लिया है।
टीटू भैया ने अपने साथियों के साथ राहत कार्य की कमान संभालते हुए भुड़िया, इमादपुर, जवाहरपुर, सबलपुर, जगतपुर, जोगराजपुर आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नि:शुल्क भोजन वितरण शुरू किया है। उन्होंने घोषणा की है कि जब तक बाढ़ का पानी गांवों से नहीं उतर जाता, तब तक भोजन और राहत सामग्री का वितरण बिना रुके जारी रहेगा। गांव-गांव जाकर ले रहे हालचाल टीटू भैया खुद बाढ़ग्रस्त इलाकों में नाव से पहुंचकर लोगों की परेशानियां सुन रहे हैं।
बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को भोजन पैकेट बांटते समय वे हर किसी से उनका हाल पूछते हैं। कई जगह वे खुद चूल्हे के पास बैठकर भोजन बनाने में भी मदद करते दिखाई दिए।उन्होंने कहा, “मैं यहां नेता बनकर नहीं, बेटा बनकर आया हूं। मेरे लिए यह राजनीतिक काम नहीं, बल्कि अपना फर्ज़ है। जब तक एक भी परिवार भूखा है, यह सेवा रुकेगी नहीं।
भाई और भाजपा मंडल मंत्री भी साथ इस सेवा कार्य में उनके बड़े भाई शिवकुमार चौहान, जो भाजपा मंडल मंत्री हैं, भी बराबरी से जुटे हुए हैं। शिवकुमार चौहान ने बताया कि टीटू भैया के साथ मिलकर रोज़ाना सैकड़ों भोजन पैकेट तैयार कर प्रभावित गांवों में भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा पीने का स्वच्छ पानी और ज़रूरी दवाइयां भी लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। ग्रामीणों की आंखों में राहत की चमक भोजन वितरण के दौरान कई बुजुर्गों ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस आपदा के समय समाजसेवियों का आगे आना ही असली मानवता है।
एक वृद्धा ने भावुक होकर कहा, “बेटा, तू भगवान का भेजा हुआ फरिश्ता है, वरना हम तो कई दिनों से सही खाना नहीं खा पाए थे।स्थिति गंभीर, नाव ही सहारा प्रशासन के मुताबिक, राजेपुर और अमृतपुर ब्लॉक के दर्जनों गांव गंगा की बाढ़ से घिरे हैं। कई गांवों में मुख्य मार्ग पानी में डूब गए हैं, जिससे केवल नाव या ट्रैक्टर ट्रॉली से ही आना-जाना संभव है। टीटू भैया की टीम ऐसे ही रास्तों से होकर मदद पहुंचा रही है।
आगे भी जारी रहेगा अभियान टीटू भैया ने स्पष्ट किया कि उनका अभियान सिर्फ भोजन तक सीमित नहीं रहेगा। वे जल्द ही पीड़ित परिवारों को राशन, कपड़े और बच्चों के लिए किताब-कॉपी भी उपलब्ध कराएंगे, ताकि बाढ़ के बाद भी उन्हें मुश्किल न हो।