ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रूखाबाद | राजेपुर गंगा और रामगंगा नदियों में लगातार बढ़ते जलस्तर ने राजेपुर क्षेत्र में तबाही मचा दी है। दर्जनों गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पानी में डूब जाने से लोगों का आना-जाना लगभग ठप हो गया है। चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है और ग्रामीण नावों के सहारे अपनी जरूरतें पूरी करने को मजबूर हैं।
प्रभावित गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में सबलपुर, कंचनपुर, रामपुर, जोगराजपुर, बरुआ, बमियारी, प्लीज राम की मड़ैया, चित्रकूट, भावपुर, चौरासी, नगरिया, जवाहरपुर, इमादपुर और कुबेरपुर शामिल हैं। इन गांवों में खेत, घर और रास्ते पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। कई गांवों में तो लोगों के घरों के आंगन और कमरों तक पानी भर गया है, जिससे ग्रामीण छतों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद बाढ़ के पानी से धान, बाजरा, मूंगफली और सब्जी की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। किसानों का कहना है कि उनकी सालभर की मेहनत बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी जमा रहने से फसल बचने की कोई उम्मीद नहीं है। पशुओं के चारे और मवेशियों के लिए सुरक्षित ठिकाने की भी भारी कमी हो गई है।राहत कार्य में देरी, ग्रामीण नाराज ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से अब तक राहत सामग्री या मेडिकल टीम समय पर नहीं पहुंची है।
कई गांवों में बीमार और बुजुर्ग लोग दवाइयों के अभाव में परेशान हैं। पीने के पानी की भारी किल्लत हो गई है क्योंकि हैंडपंप और कुएं भी पानी में डूब गए हैं।स्कूल और मंदिर भी डूबे गांवों के कई स्कूल और धार्मिक स्थल भी पानी में डूब गए हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई है। कई जगहों पर मंदिरों और चबूतरे तक पानी पहुंच गया है।
ग्रामीणों की अपील लोगों ने जिला प्रशासन से तुरंत नावों की संख्या बढ़ाने, खाद्य सामग्री, पीने का पानी और दवाइयां उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही प्रभावित गांवों में मेडिकल टीम भेजने और संपर्क मार्गों को जल्द बहाल करने की अपील की है।