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बुंदेली शेफ सीज़न 3: एक बार फिर बुंदेली व्यंजनों की खुशबू से महक उठा बुंदेलखंड, 7 होनहार क्वार्टर फाइनल की रेस में शामिल

पहले ऑडिशन से मिले बुंदेली पाक कला के 7 होनहार, बुंदेली अप्पे, दहीबड़े, थडुले, बुंदेली थाली, इटावा चाट, पाव भाजी, फ्राइड राइस, पनीर बर्फी और भवहा ककया की चटनी ने लुभाया जजेस का दिल

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Sunday, October 26, 2025

आयुष गुप्ता: बुंदेलखंड की मिट्टी की खुशबू जब रसोई में देसी तड़के से मिलती है, तो सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि यहाँ की संस्कृति भी बोल उठती है। और एक बार फिर, वही खुशबू पूरे क्षेत्र में फैल चुकी है ‘बुंदेली शेफ सीज़न 3’ के साथ, जिसने बुंदेलखंड को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। पहले ऑडिशन राउंड के लिए 35 एप्लीकेशंस प्राप्त हुईं, जिनमें से क्षेत्र की 17 प्रतिभाशाली महिलाओं ने अपने हाथों के जादू से जजेस दिल जीत लिया। इनमें से सात महिला प्रतिभागी अपने उम्दा पकवानों के आधार पर स्वाद की रेस में आगे बढ़ीं।

विशेषकर महिलाओं के लिए आयोजित बुंदेली पाक कला पर आधारित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य क्षेत्र की घरेलू महिलाओं को एक सशक्त मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपनी पाक-कला के हुनर को महज़ बुंदेलखंड अंचल ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत कर सकें और अपनी पहचान बना सकें।

कार्यक्रम की मेजबानी शिवांगी तिवारी, एंकर- छतरपुर ब्यूरो, बुंदेलखंड 24×7, कर रही हैं। उन्होंने कहा, “जब कोई महिला अपनी रसोई से निकली खुशबू को दुनिया के सामने पेश करती है, तो वह सिर्फ भोजन ही नहीं, बल्कि अपनी पहचान भी परोस रही होती है। बुंदेली शेफ यही पहचान बनाने सार्थक माध्यम है। सभी प्रतिभागियों ने स्वादिष्ट बुंदेली व्यंजन पकाए, जिनकी खुशबू स्क्रीन के दायरे को पार करके हम सभी ने महसूस की।”

प्रतिभागियों की पाक कला को परखने के लिए अनुभवी जज पैनल में बुंदेली शेफ सीज़न 1 की विजेता समिता, सीज़न 2 की विजेता ज़हीदा परवीन और आतिथ्य क्षेत्र में 20 वर्षों के अनुभव वालीं मेघना शर्मा शामिल हैं, जो स्वाद, प्रस्तुति और नवाचार तीनों का कड़ा आकलन करना जारी रखेंगी। ऐसे में, प्रतियोगिता विभिन्न चरणों, कड़े परीक्षणों और रोमांचक मुकाबलों से होकर गुजरेगी।

इस अध्याय में छतरपुर की विभा अग्निहोत्री के बुंदेली अप्पे, सागर की कुंजिलता के दहीबड़े और थडुले, दीपिका बुंदेला की बुंदेली थाली, रश्मि ठाकुर का इटावा चाट, पारुल पाठक की पाव भाजी और फ्राइड राइस, ललितपुर की रुचि जैन की पनीर बर्फी और झांसी की स्वप्निल मोदी की ‘भवहा ककया की चटनी’ ने स्वाद और पहचान दोनों को नया अर्थ दिया। दूसरा ऑडिशन 29 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें पहले ऑडिशन की तरह ही प्रतिभागियों को 60 अंक स्वाद के, 15 अंक सफाई के, 15 अंक डेकोर के और 10 अंक प्रस्तुति के लिए दिए जाएँगे।

बुंदेलखंड 24×7 द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता को रुद्राणी कलाग्राम का सहयोग प्राप्त है। उत्तर भारत की मशहूर पब्लिक रिलेशन्स एजेंसी ‘पीआर 24×7’ पीआर पार्टनर के रूप में, ‘एएफएफआई स्पोर्ट्स’ ट्रॉफी पार्टनर और ‘तारुका इको’ गिफ्टिंग पार्टनर के रूप में प्रतियोगिता से जुड़े हैं।

यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि उन अनगिनी कहानियों का उत्सव है, जो रसोई में छुपी प्रतिभा को रोशन करता है। इसकी परिभाषा सिर्फ बुंदेली स्वादों की पेशकश करने तक ही सीमित नहीं, बल्कि यह उन महिलाओं की जीत की दास्तान है, जो अपनी मेहनत, अपने हाथों और अपने स्वाभिमान से बुंदेलखंड की पहचान को नई उड़ान दे रही हैं।

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