दैनिक अयोध्या टाइम्स प्रयागराज ब्यूरो बृजेश केसरवानी
प्रयागराज । प्रयागराज के स्टूडियो थिएटर, मुट्ठीगंज में आयोजित नाटक “चुहल” के चार दिवसीय मंचन का आज सफल समापन हुआ। यह नाटक तीन महान रंगकर्मी हस्तियों—रतन थियम, अजित राय और डॉ. खालिद मसरूर की स्मृति को समर्पित था। मानव कौल द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन शहर के युवा और ऊर्जावान निर्देशक हरमेन्द्र सरताज ने किया। “चुहल” नाटक स्त्री की आज़ादी और अभिव्यक्ति की उन बारीकियों को उजागर करता है, जो समाज में अक्सर अनकही रह जाती हैं। नाटक में यह संदेश दिया गया कि जैसे एक पुरुष समाज में निर्भीक और स्वतंत्र जीवन जी सकता है, वैसे ही एक स्त्री को भी वही अधिकार और स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।
नाटक में सुधीर की भूमिका में प्रियांशु शुक्ला, आरती के किरदार में शालिनी मिश्रा, मां की भूमिका में हीर और बहन के किरदार में चाहत जायसवाल ने शानदार अभिनय कर दर्शकों की खूब सराहना बटोरी। अन्य कलाकारों में एज़ल, हर्ष श्रीवास्तव, ऋषि गुप्ता, शिखर चंद्रा, लवकुश सरोज और अभिषेक दुबे शामिल रहे, जिन्होंने अपने-अपने किरदारों को जीवंत बनाया।तकनीकी पक्ष में प्रकाश संचालन का जिम्मा आर्यन सिंह और आबिद ने संभाला, संगीत संचालन में शिखर चंद्रा ने उत्कृष्ट कार्य किया। वस्त्र विन्यास का दायित्व शालिनी मिश्रा ने निभाया, जबकि रूप सज्जा की जिम्मेदारी हीर पर रही। बैकस्टेज सपोर्ट टीम में हर्ष राजपाल, आयुष केसरवानी, हर्षित केसरवानी, हेमन्त सिंह, अजीत बहादुर, शिरीं और पवन सत्यार्थी ने विशेष योगदान दिया।
तीसरे अगस्त का शो भी हाउसफुल रहा, दर्शकों ने बारिश की सुहानी शाम में थिएटर के भीतर नाटक का भरपूर आनंद उठाया। नाटक के दौरान उपस्थित दर्शकों ने महिला सशक्तिकरण पर गहन संवाद किया और प्रस्तुति की खुले दिल से सराहना की। अंत में दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों और निर्देशक को सम्मानित किया। “चुहल” नाटक ने प्रयागराज के थिएटर जगत में एक नई ऊर्जा का संचार किया है।