जलालाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष श्री ज़हीर मलिक ने सांसद माननीया इकरा हसन के साथ अभद्र व्यवहार के विरोध में इस गंभीर प्रकरण पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय,व माननीय गृहमंत्री भारत सरकार एवं माननीय लोकसभा अध्यक्ष भारत सरकार को डाक द्वारा एक पत्र भेजा है। इस मौके पर साथ रहे सपा के इकराम शव पूर्व जिला अध्यक्ष मजदूर सभा शामली, राशिद मलिक जिला सचिव (पि.व.प्र.) समाजवादी पार्टी जनपद-शामली।जिसमें उन्होंने जनपद सहारनपुर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) द्वारा लोकसभा सांसद, कैराना के साथ सार्वजनिक रूप से किए गए अभद्र एवं अमर्यादित व्यवहार की निंदा करते हुए, मामले में त्वरित जांच और कार्यवाही की मांग की है।ज़हीर मलिक ने पत्र में उल्लेख किया कि दिनांक 01जुलाई 2025 को कैराना लोकसभा क्षेत्र की सांसद माननीया इकरा हसन जी पूर्व सूचना देने के पश्चात सहारनपुर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) से मिलने उनके कार्यालय पहुँची। उनके साथ नगर पंचायत छुटमलपुर की निर्वाचित अध्यक्षा श्रीमती शमा परवीन भी थी। बैठक का उद्देश्य जनसरोकार से जुडी समस्याओं को सीधे अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के समक्ष रखना था। किन्तु अत्यंत खेद और क्षोभ के साथ कहना पड़ रहा है कि अपर जिलाधिकारी प्रशासन) द्वारा सांसद को बिना किसी स्पष्टीकरण के दो घंटे तक प्रतीक्षा कराई गयी। कार्यालय पहुंचने पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के कर्मचारियों ने यह कहकर टालने का प्रयास किया कि जो भी कहना है लिखकर दे जाइए जब अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अंततः कार्यालय आए और सांसद ने अध्यक्षा श्रीमती शमा परवीन से सबंधित विषयों को उठाया तो उन्होंने सांसद के सामने ही एक निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि को धमकाना शुरु कर दिया जब सांसद ने इस व्यवहार पर आपत्ति की तो अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने स्वयं सांसद को कहा आप मेरे कार्यालय से बाहर जाइए और जहां मेरी शिकायत करनी हो कर दीजिए।सहारनपुर के अपर जिलाधिकारी ने न सिर्फ सांसद महोदय के साथ असभ्य भाषा का प्रयोग किया, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) का यह आचरण भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है बल्कि सीधे तौर पर उनके संसदीय विशेषाधिकारों का हनन भी है।
नगर पंचायत अध्यक्ष ने राष्ट्रपति महोदय व माननीय गृहमंत्री भारत सरकार एवं माननीय लोकसभा अध्यक्ष,भारत सरकार से इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी सहारनपुर के अपर जिलाधिकारी को तत्काल निलंबित करने तथा भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाने की मांग की है। ज़हीर मलिक ने विश्वास जताया कि लोकतंत्र की रक्षा और जनप्रतिनिधियों के सम्मान हेतु राष्ट्रपति एवं प्रशासन आवश्यक कार्यवाही करेंगे।






