
दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो रिपोर्ट बजरंगी गुप्ता
उतरौला (बलरामपुर)
उतरौला के बहुचर्चित धर्मांतरण कांड में गिरफ्तार स्वयंभू पीर छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रदेश की योगी सरकार ने अब आरोपी की संपत्तियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। शासन स्तर से राजस्व विभाग को निर्देश मिला है कि छांगुर बाबा की सभी चल-अचल संपत्तियों का विवरण तत्काल उपलब्ध कराया जाए — चाहे वह नगर क्षेत्र में हो या देहात में, उनके नाम से हो या रिश्तेदारों के नाम पर पंजीकृत हो।

सूत्रों के मुताबिक, उतरौला तहसील प्रशासन को शासन से स्पष्ट निर्देश मिला है कि आरोपी की पूरी संपत्ति की जानकारी इकट्ठा की जाए ताकि वैधानिक रूप से जब्तीकरण अथवा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सके। राजस्व विभाग के अधिकारियों की टीमें अब ग्राम स्तरीय अभिलेख, नगर निकाय संपत्ति रजिस्टर और भूलेख प्रणाली से जुड़ी जानकारी खंगाल रही हैं।
बताया जा रहा है कि छांगुर पीर ने पिछले कुछ वर्षों में उतरौला कस्बे और आसपास के इलाकों में भारी मात्रा में संपत्ति अर्जित की है, जिनमें से कई संदेहास्पद तरीके से खरीदी गई हैं। एटीएस की जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि विदेशों से अवैध फंडिंग के जरिए इस नेटवर्क को संचालित किया जा रहा था। इसी कड़ी में इन संपत्तियों को काले धन का ठिकाना भी माना जा रहा है।

जनपद प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि धर्मांतरण जैसे राष्ट्रविरोधी अपराध में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यदि संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी पाई गई, तो उनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए संपत्ति जब्त की जाएगी या बुलडोजर से ध्वस्त की जाएगी।”
इस पूरे मामले में अब जनता की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या योगी सरकार का बहुप्रतीक्षित बुलडोजर उतरौला की सड़कों पर उतरता है या नहीं। फिलहाल प्रशासनिक हलकों में खलबली मची हुई है, और सफेदपोशों की मिलीभगत की परतें भी धीरे-धीरे खुल रही हैं।
प्रमुख बिंदु:
- छांगुर पीर की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रहा है राजस्व विभाग
- शासन ने मांगा विस्तृत प्रतिवेदन
- एटीएस की जांच में अवैध फंडिंग और संपत्ति का खुलासा
- बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी के संकेत