राजकुमार पाठक/राजेंद्र शुक्ला की कलम से
बांदा/मंडलायुक्त और जिलाधिकारी के स्पष्ट आदेशों के बावजूद उनका अनुपालन न हो पाना इस बात को दर्शाता है कि तहसीलदार सदर इनके नियंत्रण के बाहर है। क्यों कि जिलाधिकारी के इस निर्देश का अनुपालन ( कि लेखपालों का सम्बदृधीकरण तत्काल प्रभाव से खत्म किया जाता है ) सभी तहसीलों में लगभग किया जा चुका है , लेकिन जिलाधिकारी की नाक के नीचे सदर तहसील में खबर नही लिखे जाने तक यहां की तस्वीर जस की तस है। सदर में मची गदर के चलते जिलाधिकारी के आदेश लगभग एक माह से धूल फांक रहा है।
जिले में लेखपालों के रिक्त पड़े पदों को देखते जिलाधिकारी की ओर से 17 अक्टूबर 2025 को जारी किए गए पत्र के मुताबिक सभी तहसीलदारों को कहा गया था कि लेखपालों का संबद्धीकरण समाप्त करते हुए, अनुपालन आख्या प्रस्तुत करे, केवल इतना ही नहीं उस पत्र में यह भी निर्देश था कि वह अपने तैनाती स्थल का चार्ज ग्रहण करना सुनिश्चित करे। जिलाधिकारी के इसी निर्देश की कॉपी करते हुए उपजिलाधिकारी ने कागजों में फर्ज अदायगी क्यों न कर दी हो लेकिन सदर में तीन लेखपाल अभी तक लगातार संबद्ध चल रहे है और टस से मस भी नही हुए है।
इससे इतर इसी मामले पर वर्तमान आयुक्त ने जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए अपने पत्र संख्या 1280 दिनांक 25 सितंबर 25 में साफ साफ लिखा था कि लेखपालों का संबद्धीकरण समाप्त करते हुए एक सप्ताह के अंदर कृत कार्यवाही से अवगत कराए, लेकिन अनुपालन नहीं हुआ।
इन हालातो को लेकर सवाल उठाते लोग कहते है कि उक्त दोनों उच्चाधिकारियों के आदेश का अनुपालन न होना क्या यह नहीं दर्शाता कि बांदा की सदर तहसील नियंत्रण से बाहर चल रही है हालांकि बताते चले कि 3 संबद्ध लेखपालों में राममूरत पटेल पैर से दिव्यांग है तथा जल्द ही रिटायरमेंट नजदीक है इस लिए भी मानवीय दृष्टि से पटेल विशेष दया के पात्र हैं, जिन्हे नौकरी के आखरी दिनों में फील्ड में नहीं भेजा जाना चाहिए, वहीं 2 अन्य लेखपाल जो राजस्व निरीक्षक कार्यालय में सम्बद्ध किए गए है, उनकी अभी तक उनके तैनाती स्थल की ओर रवानगी नही हुई है, ऐसा किस आदेश के तहत हो रहा है, उसकी खोज अभी तक जारी है।
लेखपाल तैनाती की एक तस्वीर
बांदा/मिली जानकारी मुताबिक जनपद में इस समय कुल लेखपालों के 410 पद सृजित है, जिसके सापेक्ष कुल तैनाती मात्र 190 लेखपालों की पता चली है। रही सदर तहसील की बात तो यहां लगभग 89 लेखपाल होने चाहिए, जिसके सापेक्ष कुल 40 लेखपालों की तैनाती बताई जाती है उसमे भी चार लेखापालो को सम्बद्ध करके रखा गया है, कुल 36 लेखपाल ही फील्ड में तैनात है,परिणाम स्वरूप एक एक लेखपाल पर तीन गुना कम का बोझ लदा हुआ है, यहां एक बात गौर तलब है कि बीते दिवस शनिवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संपन्न हुए समाधान दिवस के दौरान सभी संबद्धिकृत लेखपालों के दफ्तर बंद रहे और तो और सभी लोग गायब रहे लेकिन जैसे ही जिलाधिकारी की गाड़ी तहसील परिसर से बाहर हुई कि सारे दफ्तर रोशन हो गए।





