अरुण मिश्रा,दैनिक अयोध्या टाइम्स गाजियाबाद
एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। हवा में जहरीले धुएं और धूलकणों की बढ़ती मात्रा को देखते हुए कड़ा कदम उठाया है। बढ़ते प्रदूषण के चलते एनसीआर में ग्रेप-3 यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत कई तरह की रोक और सख्त नियम लागू किए गए हैं। गाजियाबाद में अब BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीज़ल वाहनों के चलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। यानी अगर कोई पुराना वाहन सड़क पर चलता पाया गया तो उसपर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो कि निजी और कमर्शियल दोनों तरह के वाहनों पर लागू होगा।

एआरटीओ प्रशासन मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एनसीआर में लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ रहा है इसी वजह से यह सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में परिवहन विभाग की चार प्रवर्तन टीमें गठित की गई हैं जो शहर में BS-3 और BS-4 मानक वाले वाहनों की चेकिंग कर रही हैं। इसके साथ ही नोएडा की छह और हापुड़ की कुछ टीमें भी इस अभियान में शामिल की गई हैं।
शहर में संयुक्त अभियान के तहत परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस मिलकर सड़कों पर जांच कर रहे हैं। किसी भी वाहन को पकड़े जाने पर मौके पर ही चालान काटा जाएगा। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जिनके वाहन पुराने मानकों के हैं वे उन्हें फिलहाल सड़कों पर न निकालें।आंकड़ों के अनुसार गाजियाबाद में BS-3 पेट्रोल के करीब 1,53,000 वाहन और BS-4 डीज़ल के करीब 7,56,000 वाहन पंजीकृत हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में पुराने मॉडल की गाड़ियां अब सड़कों से हटेंगी। इससे प्रदूषण के स्तर में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं यह प्रतिबंध अस्थायी है और प्रदूषण का स्तर सामान्य होने तक लागू रहेगा। वहीं आम लोगों से अपील की गई है कि वे सार्वजनिक परिवहन का अधिक इस्तेमाल करें कारपूलिंग को बढ़ावा दें और पर्यावरण को बचाने में सहयोग करें।
इस सख्ती के बाद उम्मीद की जा रही है कि गाजियाबाद की हवा में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिलेगा और प्रदूषण का स्तर कुछ हद तक घटेगा।





