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छठ आस्था का अपमान: रायगढ़ में उबाल, टिल्लू शर्मा पर FIR — आरोपी फरार

“समय रहते सुधर जाओ, वरना समाज तुम्हें सुधार देगा” — समाज ने दी खुली चेतावनी

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Monday, November 3, 2025

“Reform yourself in time, or society will reform you” – society issued an open warning

पुलकित दास महंत प्रदेश स्टेट प्रभारी छत्तीसगढ़

रायगढ़। छठ पर्व पर सोशल मीडिया में की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर रविवार को रायगढ़ में भारी जनाक्रोश देखने को मिला। फेसबुक पर आपत्तिजनक एवं अपमानजनक टिप्पणी वायरल होते ही धार्मिक भावनाएं गहराई से आहत हुईं और शहर के विभिन्न समाजों तथा संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। दोपहर बाद भोजपुरी समाज, ब्राह्मण समाज, छठ पूजा समितियाँ, सांस्कृतिक संगठन और विभिन्न वार्डों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि आरोपी वेब पोर्टल संचालक टिल्लू शर्मा पूर्व में भी विवादित टिप्पणियाँ करता रहा है और यह कोई पहली बार नहीं है कि उसने समाज की धार्मिक भावनाओं पर प्रहार किया हो।

एसपी कार्यालय परिसर में “टिल्लू शर्मा मुर्दाबाद”, “छठ माता की जय”, “जय श्री राम” जैसे नारे गूंजते रहे। आक्रोशित भीड़ ने कहा कि टिल्लू शर्मा सामाजिक और धार्मिक मर्यादा का लगातार अपमान करता है और यदि समय रहते कानून उसे रोक नहीं पाया तो समाज स्वयं ऐसे तत्वों को सुधार देगा। प्रदर्शन के दौरान समाज प्रतिनिधियों ने साफ चेतावनी दी — “टिल्लू, तुम समय रहते सुधर जाओ, वरना समाज तुम्हें सुधार देगा”। इस दौरान माहौल पूरी तरह भावनात्मक और दृढ़ संकल्प से भरा रहा, और लोगों ने कहा कि आस्था का अपमान किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

जनदबाव के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 और 299 के तहत एफआईआर दर्ज की है। कोतवाली पुलिस के अनुसार आरोपी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी परिस्थिति में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट की डिजिटल जांच कराई जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर प्रकरण में अन्य धाराएँ भी जोड़ी जाएंगी।

समाज ने पुलिस की त्वरित एफआईआर की सराहना की, लेकिन यह भी स्पष्ट कहा कि अब केवल कागजी कार्रवाई नहीं चलेगी। जब तक आरोपी गिरफ्तार होकर न्यायिक प्रक्रिया का सामना नहीं करता, तब तक विरोध जारी रहेगा। भीड़ में मौजूद वरिष्ठ सामाजिक नेताओं ने कहा कि रायगढ़ की धार्मिक परंपराओं और सामाजिक संस्कारों पर इस तरह का हमला पहली बार नहीं है और अब समाज ऐसे कृत्यों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है। प्रदर्शन के अंत में भीड़ ने सामूहिक स्वर में चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी व्यक्ति द्वारा धार्मिक भावनाओं के खिलाफ की गई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यक हुआ तो व्यापक जनआंदोलन भी किया जाएगा।

आस्था बनाम अभिव्यक्ति की मर्यादा

छठ पर्व लोकआस्था, पवित्र उपवास और सूर्य देव की आराधना का अनुष्ठान है। इसे लेकर किसी भी प्रकार का मज़ाक, व्यंग्य या उपेक्षा समाज की भावना पर सीधी चोट मानी जाती है। सोशल मीडिया की स्वतंत्रता का अर्थ आस्था का अपमान नहीं होता। कानून अभिव्यक्ति की आज़ादी देता है, पर धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन करने पर दंड का भी प्रावधान है। यह प्रकरण उसी संतुलन की कसौटी पर खड़ा है, जहाँ समाज और क़ानून दोनों नैतिक मर्यादा एवं सामाजिक एकता को बनाए रखने के लिए सक्रिय हैं।

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