मुंबई, (आयुष गुप्ता): भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने देश में $15 बिलियन (लगभग ₹1.25 लाख करोड़) के AI इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश की घोषणा की है। इस निवेश के तहत कंपनी 1 गीगावॉट (GW) क्षमता वाला विशाल डेटा सेंटर बनाने जा रही है, जो भारत के टेक्नोलॉजी और डिजिटल भविष्य को नई दिशा देगा।
🔑 Highlights (मुख्य बिंदु)
रिलायंस का $15 बिलियन का मेगा निवेश भारत में AI इकोसिस्टम को मजबूत करेगा।
देश का पहला 1 GW AI डेटा सेंटर बनने की तैयारी।
प्रोजेक्ट अगले तीन वर्षों में फेज़वाइज़ पूरे देश में विस्तार करेगा।
केंद्र सरकार की ‘Digital India AI Mission’ को मिलेगा बड़ा समर्थन।
🎬 परियोजना से जुड़ी अहम बातें
रिलायंस का यह निवेश भारत में AI कंप्यूटिंग, क्लाउड सर्विसेज़, और डिजिटल स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
सूत्रों के अनुसार, पहला डेटा सेंटर नवी मुंबई में बनेगा, जिसमें ग्रीन एनर्जी आधारित कूलिंग सिस्टम और नेक्स्ट-जेन चिप टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। कंपनी की योजना है कि आने वाले वर्षों में रिलायंस AI मॉडल ट्रेनिंग, स्मार्ट सिटी एप्लिकेशन, और भारत में लोकल क्लाउड नेटवर्किंग को भी बढ़ावा देगी।
🔎 विशेषज्ञों की राय
टेक विशेषज्ञों का कहना है कि यह निवेश भारत को AI हब बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
इंडस्ट्री एनालिस्ट्स के अनुसार, यह कदम माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न और गूगल जैसे ग्लोबल प्लेयर्स के मुकाबले भारत को नई ताकत देगा।
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि रिलायंस का यह प्रोजेक्ट “India’s Silicon Valley Moment” साबित हो सकता है।
✅ संभावित फायदे
- भारत में हाई-कैपेसिटी डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर की नई शुरुआत।
- लाखों नई नौकरियों और स्किल डेवेलपमेंट के अवसर।
- भारतीय कंपनियों के लिए घरेलू AI प्लेटफॉर्म की पहुंच आसान होगी।
- देश में डेटा लोकलाइज़ेशन और सुरक्षा को मिलेगा बढ़ावा।
- भारत की ग्लोबल टेक्नोलॉजी रैंकिंग में तेजी से सुधार की संभावना।






