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अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम है जिले की पुलिस – ओपी यादव

* पुलिस की लापरवाही से दलित हरिओम की हुई हत्या * अधिवक्ता के चैम्बर में महिला पर हमले के लिए पुलिस जिम्मेदार

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Tuesday, October 7, 2025

रायबरेली ब्यूरो।। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व डीजीसी (फौ0) ओपी यादव ने जिले में बढ़ते अपराधों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अपराधों पर अंकुश लगाने में जिले की पुलिस नाकाम है। जनपद का कोई थाना कोतवाली एैसी नहीं बची है, जहाँ पर अपराधियों द्वारा बेखौफ अपराधिक घटनाओं को अंजाम न दिया जाता हो। साथ ही निर्दोषों का फर्जी मुकदमों में फँसाकर चालान न किया जाता हो।

भीड़ द्वारा दलित हरिओम की हत्या ने पुलिस की नाकामी की कलई खोल दी है। पुलिस के हाथ अभी तक सभी आरोपियों के गिरेबान तक नहीं पहुँच सके हैं। दीवानी न्यायालय के गेट पर पुलिस निगरानी के बावजूद एक सिरफिरा व्यक्ति चापड़ लेकर न्यायालय के अन्दर प्रवेश कर जाता है और एक अधिवक्ता के चैम्बर में अपनी पत्नी के ऊपर जानलेवा हमला कर देता है। यह पहली घटना नहीं है, दीवानी के लाकप व न्यायिक कक्ष के बरामदे में गोलियाँ चल चुकी हैं।

परिसर के अन्दर सोहन गुप्ता व अनवर की हत्या हो चुकी है, इसके बाद भी पुलिस के कानों में जू नहीं रेगी। लगातार दीवानी न्यायालय की बाऊण्ड्री से लगी दुकानों को हटाने के लिए प्रशासन द्वारा आधी अधूरी कार्यवाही करके इतिश्री कर ली जाती है। इस भीड़ भरे माहौल का फायदा उठाकर अपराधी अपने मकसद में कामयाब हो जाता है।

जबकि मान्नीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में स्पष्ट उल्लिखित है कि मान्नीय न्यायालय, विद्यालय एवं चिकित्साल की बाऊण्ड्री नो वेन्डिंग जोन एरिया में रहेगी। जिले में अपराधियों के बढ़ते हौसले के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भी पूरी तरह से जिम्मेदार है, क्योंकि सरकार की कार्यवाही जाति और धर्म देखकर की जाती है। ‘‘गुलशन में जब किसी गुल का कत्लेआम होता है, सबब कुछ भी हो बागवां बदनाम होता है।’’ ओ पी यादव ने उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय को शिकायती पत्र भेजकर प्रभावी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

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