धारा 163 लागू मतगणना केंद्र के आसपास भीड़भार की अनुमति नहीं - एनसीआर की हवा दूषित प्रदूषण जानलेवा परिवहन विभाग ने कसी कमर सड़कों पर मुस्तैद - जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक - गाजियाबाद पहुंचें उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक - मोदीनगर में बंदरों से लोगों को नहीं कोई भी राहत,बाते दो माह में लगभग एक हजार लोग हुए शिकारधारा 163 लागू मतगणना केंद्र के आसपास भीड़भार की अनुमति नहीं - एनसीआर की हवा दूषित प्रदूषण जानलेवा परिवहन विभाग ने कसी कमर सड़कों पर मुस्तैद - जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक - गाजियाबाद पहुंचें उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक - मोदीनगर में बंदरों से लोगों को नहीं कोई भी राहत,बाते दो माह में लगभग एक हजार लोग हुए शिकार

मतदान करने जा रहे 95 वर्षीय बुजुर्ग हरिहर सिंह की मतदान केंद्र से कुछ ही दूरी पर मौत

रोहतास जिले के सासाराम विधानसभा क्षेत्र के करसेरुआ पंचायत अंतर्गत खैरा गांव में दूसरे चरण के मतदान के दौरान एक दुखद घटना सामने आई

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Wednesday, November 12, 2025

रोहतास:- रोहतास जिले के सासाराम विधानसभा क्षेत्र के करसेरुआ पंचायत अंतर्गत खैरा गांव में दूसरे चरण के मतदान के दौरान एक दुखद घटना सामने आई। 95 वर्षीय बुजुर्ग हरिहर सिंह उर्फ हरिद्वार सिंह की मतदान केंद्र से कुछ ही दूरी पर मौत हो गई। वह लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होने और अपना मताधिकार प्रयोग करने की तीव्र इच्छा के साथ मतदान केंद्र की ओर बढ़ रहे थे। उनकी जीवन के अंतिम क्षणों में बिहार के विकास के लिए वोट देने की हसरत अधूरी रह गई। उनकी मौत की खबर ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है और यह घटना सुर्खियों में है।परिवार के सदस्यों ने बताया कि हरिहर सिंह ने दो-तीन दिन पहले ही यह इच्छा जाहिर कर दी थी कि वह 11 नवंबर को मतदान करने के बाद ही इस दुनिया को अलविदा कहना चाहेंगे। वह सेवानिवृत्त पंचायत सेवक थे और बिस्तर पर होने के बावजूद, मंगलवार को वह पोलिंग बूथ पर जाने की जिद करने लगे थे। परिजनों ने उनकी इस अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हें ई-रिक्शा पर सहारा देकर बैठाया और मतदान केंद्र की ओर ले जा रहे थे।बुजुर्ग के स्वजनों के अनुसार, पिछले दो-तीन दिनों से उनका खाना-पीना कम हो गया था और वह उठने-चलने में असमर्थ होने के कारण बिस्तर पर ही थे। इसके बावजूद, मतदान करने की उनकी इच्छा इतनी प्रबल थी कि वह पोलिंग बूथ तक जाने के लिए तैयार हो गए। यह बेहद मार्मिक है कि जब वह मतदान केंद्र से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर थे, तभी ई-रिक्शा पर ही उनकी मौत हो गई।हरिहर सिंह की यह घटना दर्शाती है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक नागरिक की आस्था कितनी गहरी हो सकती है। हालांकि, बिहार के विकास के लिए अपना वोट देने की उनकी अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी, लेकिन लोकतंत्र के प्रति उनके इस समर्पण ने ग्रामीणों और क्षेत्र के लोगों को भावुक कर दिया है। उनकी कहानी मतदान के अधिकार के महत्व और बुजुर्गों की अटूट निष्ठा को रेखांकित करती है।

खबरें और भी

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिले