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अमित शाह ने आज नई दिल्ली में शहरी सहकारी ऋण क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘Co-Op Kumbh 2025’ को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया

NAFCUB द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का ‘दिल्ली घोषणा 2025’ अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के विस्तार का रोडमैप बनेगा

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Monday, November 10, 2025

The 'Delhi Declaration 2025' of the International Conference organized by NAFCUB will become the roadmap for the expansion of Urban Cooperative Banks.

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में शहरी सहकारी ऋण क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘Co-Op Kumbh 2025’ को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर और सचिव, सहकारिता मंत्रालय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अर्बन सहकारी बैंक और क्रेडिट सोसायटी के सहकारिता कुंभ का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 3-4 साल में देश का अर्बन कोऑपरेटिव बैंक क्षेत्र और कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी क्षेत्र नए उत्साह के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि को-ऑप कुंभ 2025 के दौरान पॉलिसी, तकनीक और इनोवेशन के विषय पर इस क्षेत्र से जुड़ी कई संभावनाओं का दोहन करने के लिए विचार होगा। उन्होंने कहा कि NAFCUB द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का ‘दिल्ली घोषणा 2025’ अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के विस्तार का रोडमैप बनेगा।

अमित शाह ने कहा कि को-ऑप कुंभ 2025 के ज़रिए अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के विस्तार का हमारा स्वप्न बहुत जल्दी पूरा होगा। उन्होंने कहा कि आज यहां सहकार डिजी-पे और सहकार डिजी-लोन को अंब्रेला संगठन द्वारा लांच किया गया है। सहकार डिजी-पे एप्प के माध्यम से छोटे से छोटे अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को भी डिजिटल पेमेंट की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद से मोदी सरकार ने कोऑपरेटिव से जुड़े हर क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने के लिए कई महत्वपूर्ण नीति विषयक निर्णय लिए हैं। इसके साथ-साथ, सहकारिता क्षेत्र को मॉडर्नाइज करने, इसकी कठिनाइयों के निवारण और कोऑपरेटिव की पहुंच बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। उन्होने कहा कि देश की सभी राज्य सरकारों ने PACS के मॉडल बायलॉज़ को स्वीकार कर लिया है।

अमित शाह ने कहा कि हमने सहकारिता मंत्रालय के लिए 4 लक्ष्य तय किए हैं – जेनरेशन सहकार का विकास, यानी, हमारी युवा पीढ़ी को सहकारिता के साथ जोड़ना और इसके लिए त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी बनाई है जो सहकारिता क्षेत्र की हर प्रकार की ज़रूरतों को पूरा करेगी। हर प्रकार की चुनौतियों का सामना कर पाने वाली सहकारी समितियों को भी तैयार करने का लक्ष्य हमने रखा है। हमने 2 लाख से अधिक आबादी वाले हर शहर में 5 साल में एक अर्बन सहकारी बैंक बनाने का लक्ष्य भी रखा है। श्री शाह ने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को अपना कोर काम मल्टी-सेक्टर अप्रोच के साथ देश के युवा उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और कमजोर तबके के लोगों के सशक्तिकरण के लिए करना होगा। हमारा लक्ष्य कोऑपरेटिव को मजबूत करने के साथ-साथ कमजोर तबके के लोगों को भी म़जबूत करना है और अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के सिवा यह काम कोई और नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के माध्यम से कमजोर व्यक्ति का सशक्तीकरण करना भी हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने पिछले 2 साल में Non-Performing Assets (NPA) को 2.8 प्रतिशत से घटाकर 0.06 प्रतिशत करने में सफलता प्राप्त की है। इसके साथ ही हमें operations के स्तर में सुधार करना होगा और financial discipline में आए सुधार को भी आगे बढ़ाना होगा। हर शहर में एक अर्बन कोऑपरेटिव बैंक बनाना तभी संभव है जब हम कोऑपरेटिव सोसायटी को बैंक में परिवर्तित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े हमारी प्रगति के द्योतक नहीं हो सकते, इसके साथ -साथ यह प्रयास भी होना चाहिए कि हर व्यक्ति को कुछ काम मिले और उसका जीवन स्तर बढ़े और कोऑपरेटिव के बिना यह नहीं हो सकता। अमित शाह ने कहा कि कोऑपरेटिव के कॉन्सेप्ट और महत्व को भारत सरकार और सभी राज्य सरकारें पूरी तरह से समझती है और अब एक नए विश्वास और मेहनत के साथ एक पारदर्शी और परिणामोन्मुखी तरीके से काम करने की ज़रूरत है।

अमित शाह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कोऑपरेटिव अलायंस ने अमूल को विश्व रैंकिंग में प्रथम स्थान पर और इफ्को को दूसरे स्थान पर रखा है। यह दिखाता है कि आज भी कोऑपरेटिव का विचार और संस्कृति कालबाह्य नहीं हुई है। अमूल आज देश में श्वेत क्रांति की वाहक बनी है और 36 लाख किसान सदस्यों, 18 हज़ार ग्रामीण समितियों और 18 जिला संघों के माध्यम से अमूल देशभर में 3 करोड़ लाख लीटर दूध रोज़ाना इकट्ठा करती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में अमूल का टर्नओवर 90 हज़ार करोड़ रूपए को पार कर गया जो यह बताता है कि 36 लाख किसान, जिनमें 65 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, एकसाथ छोटी पूंजी से 90 हज़ार करोड़ के टर्नओवर के साथ इतना बड़ा कोऑपरेटिव सफलतापूर्वक इतने सालों से चला रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि यह हमारे देश में कोऑपरेटिव के लिए उपलब्ध अपार सभावनाओं को बताता है।

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