सुल्तानपुर रिपोर्ट – प्रशांत यादव
सुल्तानपुर । जनपद के तहसील कादीपुर क्षेत्र के अंतर्गत कादीपुर के संत तुलसीदास पीजी कॉलेज में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती सम्पन्न हुई इसी क्रम में परिचार में लाज न आवत आपको, दौरे आयहु साथ। धिक्-धिक ऐसे प्रेम को कहा कहौं मैं नाथ। अस्थि चर्म मय देह मम, तामे जैसी प्रीति। तैसी जो श्री राम महँ, होति न तौ भवभीति॥” . इसका अर्थ है, “आपको लज्जा नहीं आती, दौड़कर मेरे पीछे-पीछे चले आए।
ऐसे प्रेम को धिक्कार है, मैं क्या कहूं हे नाथ। जिस प्रकार इस हड्डी-मांस के शरीर से प्रेम करते हो, वैसी प्रीति यदि श्री राम से होती तो संसार का भय न होता।” ।इस बात से प्रेरणा प्राप्त कर आज गोस्वामी तुलसीदास जी महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के रूप में प्रतिष्ठित हैं उक्त बाते संत तुलसीदास स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, बरुवारीपुर में आयोजित गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. इन्दुशेखर उपाध्याय नें कही|गोस्वामी तुलसीदास के जीवन एवं उनकी रचनाओं के विषय में प्राचार्य प्रो. आर. एन. सिंह, प्रबंधक सौरभ त्रिपाठी, प्रो. जितेन्द्र कुमार तिवारी,डॉ. अब्दुल रशीद, नरेन्द्र कुमार, अनूप कुमार, कीर्ति कुमार, करुणेश प्रकाश जैसे अनेक प्राध्यापक बंधुओं ने अपने विचार व्यक्त किए ।
समारोह में डॉ. सतीश कुमार सिंह, डॉ. हरेंद्र कुमार,संजय कुमार सिंह, डॉ. राजकुमार सिंह, डॉ. शनि कुमार, अवनीश प्रताप पाण्डेय, दीपा मिश्रा एवं समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक प्रतीक मौर्य नें किया |






