गंगोह, आर्य समाज में श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ उत्साहपूर्वक श्रावणी पर्व पर मनाया गया। सभी आर्यों ने अपने यज्ञोपवीत परिवर्तित किए। आर्य समाज के श्रावणी उपाकर्म में उपस्थित सभी आर्यों ने अपने पुराने यज्ञोपवीत को कंधे से उतारकर नए यज्ञोपवीत को मंत्रोच्चार के साथ धारण किया। श्रावणी पर्व के विशेष मन्त्रों से आहुतियां अर्पण कर यज्ञ-हवन किया।
इस अवसर पर श्रावणी पर्व के महत्व को समझाते हुए आर्ष ग्रंथों के स्वाध्याय करने का निर्देश दिया गया। कहा गया कि आर्ष ग्रंथो के स्वाध्याय से ही हम धर्म अर्थ काम मोक्ष को प्राप्त हो सकते हैं। संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है अर्थात शारीरिक आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना। आर्य समाज आर्य निर्माण करके राष्ट्र निर्माण और संरक्षण में लगा हुआ है। कृण्वन्तोविश्वार्यम् और वसुधैव कुटुंबकम् उद्घोष के साथ आगे बढ़ रहा है और ईश्वरीय ज्ञान वेद के अनुसार सत्य मार्ग पर चलने के लिए सभी मनुष्यों को प्रेरित कर रहा है।
शिक्षाविद डॉ.संदीप आर्य ने श्रावणी यज्ञ-हवन को संपन्न किया। कार्यक्रम में आर्य प्रतिनिधि सभा जिला मीडिया प्रभारी व तहसील नकुड मंत्री डॉ. वीरसिंह भावुक, आर्य समाज प्रधान देवेन्द्र कुमार आर्य, मैनेजर शिवचरण आर्य, अमित आर्य, शेखर आर्य, मा.योगेश आर्य, ऋषिपाल आर्य, प्रेमसिंह आर्य, कुमार राकेश, रमेश आर्य, रामरिक्षपाल आर्य, राजेंद्र आर्य, संजय आर्य, अनूप आर्य आदि शामिल रहे।






