अमेठी में नकली जेवर दिखाकर ठगी करने वाले गिरोह का परदाफाँस - संक्रामक रोगों से बचाने के लिए सचिव व प्रधान ने गांवों में चलाया अभियान - सुबह उठते ही लगाते हैं सिगरेट का कश, ले सकती है आपकी जान - छात्रा की जान बचाने वाले युवक को पुलिस ने किया सम्मानित - अनुराग कश्यप, ऐश्वर्य ठाकरे और वेदिका पिंटो पहुँचे लखनऊ के प्रतिभा थिएटर, निशानची का किया प्रमोशनअमेठी में नकली जेवर दिखाकर ठगी करने वाले गिरोह का परदाफाँस - संक्रामक रोगों से बचाने के लिए सचिव व प्रधान ने गांवों में चलाया अभियान - सुबह उठते ही लगाते हैं सिगरेट का कश, ले सकती है आपकी जान - छात्रा की जान बचाने वाले युवक को पुलिस ने किया सम्मानित - अनुराग कश्यप, ऐश्वर्य ठाकरे और वेदिका पिंटो पहुँचे लखनऊ के प्रतिभा थिएटर, निशानची का किया प्रमोशन

अमेठी में नकली जेवर दिखाकर ठगी करने वाले गिरोह का परदाफाँस

अमेठी,थाना क्षेत्र के अंन्त्रगत् महिला समेत तीन गिरफ्तार, सोने-चांदी के आभूषण बरामद, कई जिलों में कर चुके वारदातें

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Saturday, September 13, 2025

अयोध्या टाइम्स रवि नाथ दीक्षित मोहनगंज /अमेठी,थाना क्षेत्र के अंन्त्रगत् महिला समेत तीन गिरफ्तार, सोने-चांदी के आभूषण बरामद, कई जिलों में कर चुके वारदातें
जब कि अपराध की दुनिया में आए दिन नए-नए तरीके सामने आते रहते हैं। कभी झांसा देकर ठगी, तो कभी विश्वास जीतकर चोरी—मकसद एक ही होता है, किसी तरह मासूम जनता की गाढ़ी कमाई को हड़प लेना। ऐसा ही एक मामला अमेठी में सामने आया है, जहां कोतवाली मोहनगंज पुलिस ने नकली जेवर दिखाकर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस गिरोह की महिला सदस्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से सोने-चांदी के कई आभूषण बरामद किए।

यह गिरफ्तारी न केवल पुलिस की सतर्कता का परिणाम है बल्कि उन नागरिकों के लिए भी राहत भरी खबर है जो आए दिन इस तरह की वारदातों के शिकार हो रहे हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और किस तरह इस गिरोह ने कई जिलों में लोगों को चूना लगाया।
घटना का खुलासा
11 सितंबर को मोहनगंज थाना क्षेत्र के निवासी मनीष तिवारी के घर से सोने-चांदी के आभूषण चोरी हो गए थे। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने तत्काल पुलिस से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने विशेष टीम बनाकर जांच शुरू कराई।
जांच में पुलिस को कुछ सुराग हाथ लगे, जिनके आधार पर कार्रवाई की गई। पुलिस ने दबिश देकर तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान दिल्ली निवासी सनी (24), शामली निवासी भीम सिंह (50) और मेरठ की रहने वाली गौरी उर्फ लक्ष्मी (40) के रूप में हुई। पूछताछ के दौरान तीनों ने न केवल चोरी की वारदात कबूल की बल्कि अपने पूरे गिरोह के कामकाज का भी राज खोला।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से पुलिस ने चोरी किए गए गहने बरामद किए। इनमें शामिल हैं—
एक जोड़ी चांदी की पायल
सोने की नाक की कील
सोने की 17 लंबी जंजीरें
दो जोड़ी चांदी की बिछिया
ये सभी आभूषण वही थे जो 11 सितंबर को मनीष तिवारी के घर से चोरी किए गए थे। गहनों की बरामदगी से पीड़ित परिवार को बड़ी राहत मिली और पुलिस की कार्रवाई की सराहना भी हुई।
गिरोह का तरीका — कैसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह काफी संगठित तरीके से काम करता था। इनके पास नकली और असली दोनों तरह के गहने रहते थे।
सबसे पहले ये लोग किसी अनजान व्यक्ति या परिवार से संपर्क करते।
नकली गहनों को असली बताकर उन्हें आकर्षक दाम पर बेचने का प्रस्ताव रखते।
लेन-देन की प्रक्रिया के दौरान मौका देखकर असली गहने हाथ बदल लेते और नकली गहने थमा देते।
कई बार तो ये लोग घरों में जाकर भी विश्वास हासिल कर लेते और वहां रखे असली आभूषण चुरा ले जाते।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह अब तक अयोध्या, सुलतानपुर, बाराबंकी, रायबरेली और लखनऊ में कई बार इसी तरीके से वारदातें कर चुका है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक के नेतृत्व में चलाए जा रहे अपराध नियंत्रण अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। मोहनगंज पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 317(2) और 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
साथ ही, पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि यह नेटवर्क कई जिलों में फैला हुआ है और इनके संपर्क में कई अन्य लोग भी हो सकते हैं स्थानीय जनता के लिए सबकइस मामले ने एक बार फिर लोगों को सतर्क रहने की सीख दी है। पुलिस ने जनता से अपील की है ।कि किसी भी अनजान व्यक्ति के दिखाए गए गहनों पर तुरंत भरोसा न करें।
गहनों की खरीद-बिक्री केवल मान्यता प्राप्त दुकानों से ही करें।
हॉलमार्क और बिल की जांच जरूर करें।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें।
पुलिस ने यह भी कहा कि ठग अक्सर लोगों की लालच की कमजोरी का फायदा उठाते हैं। इसलिए किसी भी सस्ते सौदे या चमकदार ऑफर के झांसे में न आएं।
पीड़ित की प्रतिक्रिया
पीड़ित मनीष तिवारी ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारे लिए ये गहने सिर्फ आभूषण नहीं थे, बल्कि पारिवारिक धरोहर भी थे। जब ये चोरी हुए तो पूरा परिवार सदमे में था। पुलिस ने जिस तेजी से कार्रवाई कर बरामदगी की, उसके लिए हम उनका आभार मानते हैं।”
समाज पर असर
अक्सर देखा गया है कि इस तरह की ठगी घटनाएं ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में ज्यादा होती हैं, जहां लोग गहनों को सुरक्षित रखने के बजाय घरों में ही रखते हैं। ऐसे में ठगों को वारदात करने का आसान मौका मिल जाता है
यह मामला साफ दिखाता है कि अपराधी अब बेहद चतुराई और योजनाबद्ध तरीके से अपराध को अंजाम देते हैं। ऐसे में केवल पुलिस की सतर्कता ही नहीं, बल्कि आम जनता की जागरूकता भी जरूरी है।
निष्कर्ष से यह निकलता है कि मोहनगंज पुलिस की यह कार्रवाई साबित करती है कि यदि समय पर और सटीक जांच की जाए तो अपराधियों को पकड़ना संभव है। नकली जेवर दिखाकर ठगी करने वाला यह गिरोह न केवल अमेठी बल्कि कई जिलों में लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। महिला समेत तीन आरोपियों की गिरफ्तारी और चोरी के गहनों की बरामदगी से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अपराध कितना भी संगठित क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बचना आसान नहीं है।
पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही पूरा नेटवर्क ध्वस्त कर दिया जाएगा। आम जनता से भी यही अपेक्षा है कि वे सजग रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत पुलिस को सूचना दें।

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिले