सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ - इंडो-नेपाल सीमा पर कर दी गई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था - गोमती उद्गम स्थल माधोटांडा में चार दिवसीय नौ कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ की रूपरेखा तैयार की गई। - पंडित कमल पाठक ने सीता स्वयंवर का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। - विश्व हिंदू रक्षा परिषद के नए जिलाध्यक्ष का हुआ जोरदार स्वागत।सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ - इंडो-नेपाल सीमा पर कर दी गई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था - गोमती उद्गम स्थल माधोटांडा में चार दिवसीय नौ कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ की रूपरेखा तैयार की गई। - पंडित कमल पाठक ने सीता स्वयंवर का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। - विश्व हिंदू रक्षा परिषद के नए जिलाध्यक्ष का हुआ जोरदार स्वागत।

अमृतपुर-कायमगंज क्षेत्र के गांवों में बढ़ी चिंता, फसलें डूबने की आशंका

ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रुखाबाद, जनपद में गंगा का जलस्तर लगातार पांचवें दिन बढ़कर रविवार को 136.60 सेंटीमीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 137.10 सेंटीमीटर से मात्र 50 सेंटीमीटर नीचे है। आठ दिन पहले तक राहत की स्थिति थी, लेकिन बीते दिनों में नदी

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Sunday, August 3, 2025

ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रुखाबाद,

जनपद में गंगा का जलस्तर लगातार पांचवें दिन बढ़कर रविवार को 136.60 सेंटीमीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 137.10 सेंटीमीटर से मात्र 50 सेंटीमीटर नीचे है। आठ दिन पहले तक राहत की स्थिति थी, लेकिन बीते दिनों में नदी का उफान फिर चिंता बढ़ा रहा है।

रविवार को जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे अमृतपुर और कायमगंज तहसील के गंगा किनारे बसे गांवों में बाढ़ की आशंका गहरा गई है। किसानों की फसलें फिर से डूबने लगी हैं, और नदी किनारे बसे एक गांव में कटान की शुरुआत हो गई है।बांधों से छोड़ा जा रहा पानी:
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, नरौरा बांध से 77,369 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। वहीं, रामगंगा की सहायक नदियों से भी जलप्रवाह जारी है—खौ बैराज से 920, हरेली से 350 और रामनगर से 1084 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।अमृतपुर क्षेत्र में रामगंगा और गंगा दोनों का असर है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासनिक टीमें जलस्तर पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।यदि गंगा का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा, तो गांवों में पानी घुसने और विस्थापन की नौबत आ सकती है।

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