
अमरेश कुमार, जिला ब्यूरो चीफ, दैनिक अयोध्या टाइम्स, पटना।

पटना। मैं ” दैनिक अयोध्या टाइम्स, बिहार ” के संपादक माननीय श्री रवि कुमार भार्गव जी को बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। क्योंकि उन्होंने “परिवार की एकता पर कब ध्यान देंगे आप” के माध्यम से सोए हुए पत्रकारों को जागने का काम किया है। यह एक लेख मात्रा नहीं है, अपितु इसमें दैनिक अयोध्या टाइम्स के मुखिया/पिता का सार गर्वित भाव व्यक्त किया गया है। जिस तरह से एक पिता अपने बच्चों को मुसीबत में देख, उसे मुसीबत से निकालने का प्रयास करता है। और मुसीबत में कभी न फंसे, इसका ज्ञान भी कराता है। परिवार के लोग, कैसे एक साथ मिलजुल कर आगे बढ़े, इसका मार्गदर्शन भी कराता है। इन्हें सारी खूबियां के साथ, हमारे गर्जियन नित्य प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते आ रहे हैं। बड़े भाग्यशाली हैं वह पत्रकार, जिनके मुसीबत में दैनिक अयोध्या टाइम्स परिवार का पुरा सहयोग मिला। इसके लिए रवि कुमार भार्गव सर को बहुत-बहुत आभार। महोदय आपने जो काम किया है। उसके लिए हम सभी पत्रकार आपका चंदन, वंदन और अभिनंदन करते हैं। महोदय, आपने कर्मठता का वह मिसाल कायम किया है, जो हम पत्रकारों के लिए सर्वदा अनुकरणीय रहेगा। महोदय, आखरी बात कहकर अपनी बातों को विराम देना चाहूंगा। घर का मुखिया/पिता चूस हुआ आम के गुठली के समान होता है। जिसे उसके बच्चे सारा रस निचोड़ने के बाद फेंक देते हैं। घर के गार्जियन या पिता की स्थिति बहुत दयनीय होती है। क्योंकि वह तो सभी का परवाह करता है, पर उसकी परवाह करने वाला कोई नहीं होता है। ठीक उसी प्रकार वर्तमान समय में, पत्रकारिता के क्षेत्र में चल रहा है। आज के प्रिंट मीडिया संकीर्णता की दौड़ से गुजर रही है। आज के पत्रकार खुद भूखा रहकर, अपने परिवार का परवाह किए बिना, समाचार संकलन करने में पूरा दिन गुजार देता है। फिर भी वह शासन – प्रशासन, ठेकेदार और असामाजिक तत्वों के निशाने पर होता है। मंत्री, विधायक और प्रशासन के लोग, जहां भी जाते हैं, उसके लिए सरकार खजाना खोल रखी है, पर पत्रकारों की परवाह करने वाला कोई नहीं होता। अखबार के सुर्खियों में अपना नाम और फोटो तो देखना सब पसंद करते हैं, पर पत्रकारों को पसंद करने वाला कोई नहीं होता। फिर भी हमारे पत्रकार बंधु देश और समाज को आईना दिखाने में लगा हुआ है। कुछ ज्यादा हो गया होगा, तो क्षमा करेंगे।