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एक साल पहले बना बेर्राव परसौली संपर्क मार्ग बावले जान

गड्ढों में तब्दील हुई रोड़ नही हो रहा रूल्स ऑफ द रोड का पालन राजकुमार पाठक की कलम से बांदा/जिले की कोई भी सड़क किसी भी श्रेणी की हो, शायद ही इंजीनियरिंग के मुताबिक “रूल्स ऑफ द रोड” का पालन करती हो। सड़क के मध्य से किनारों

EDITED BY: DAT BUREAU

UPDATED: Thursday, August 7, 2025

गड्ढों में तब्दील हुई रोड़ नही हो रहा रूल्स ऑफ द रोड का पालन

राजकुमार पाठक की कलम से

बांदा/जिले की कोई भी सड़क किसी भी श्रेणी की हो, शायद ही इंजीनियरिंग के मुताबिक “रूल्स ऑफ द रोड” का पालन करती हो। सड़क के मध्य से किनारों को दिया जाने वाला स्लोप/ढाल निर्माण में मानकों की अनदेखी के कारण सड़क का पानी सड़क पर ही भरा रहने के कारण सड़के खराब हो जाती है, बतादे कि सड़क पर पड़ने वाली डामर और पानी के बीच ३६ का रिस्ता होता है, ऐसा विशेषज्ञ बताते हैं।
पैलानी तहसील अंतर्गत ग्राम सिंधन कलां से पैलानी डेरा तक बरसात में गड्ढा और जलभराव की दशा के बाद आई खराबी को लेकर ज़िम्मेदार कार्यदाई संस्था के आनन फानन जानकारी के बाद सड़क का गड्ढा तो बीते दिवस इसी अखबार(दै0 अयोध्या टाइम्स ) में प्रकाशित खबर “दुर्घटनाओं को दावत देता सिंधन कलां सड़क का गड्ढा” के नाम के शीर्षक के प्रकाशित होने के बाद भर दिया गया, लेकिन जिले में और भी ऐसी सड़के है जो अपने निर्माण के दौरान की जाने वाली मानकों की अनदेखी और “”रूल्स ऑफ द रोड” से बाहर बनी होने के कारण दुर्दशा का शिकार है।
सड़क है पर आई दुर्दशा के कारण जिले की सड़कों पर आवागमन बाधित है तो इन्ही सड़कों की सुविधा के बजाए लोगो को दुविधा और परेशानी का शिकार होना पड़ता है। पैलानी तहसील की सिन्धन कलां से पैलानी डेरा सड़क का हवाला यदि फिल्हाल छोड़ दिया जाए,तो तहसील बबेरू और नरैनी की सड़कें बुरे हालातो से जूझ रही है। इलाकाई दुखड़ा रो रहे हैं, सड़के अपने हालातो का मुखड़ा दिखा कर अपने किस्मत को कोस रही है और जो कहानी कह रही है वह ऐसे है मिली जानकारी के मुताबिक तहसील बबेरू मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत बेर्राव से परसौली को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग मानक विहीन निर्माण का शिकार हो गया है। गत वर्ष पीडब्ल्यूडी विभाग, बांदा द्वारा नवीनीकरण कराए गए इस मार्ग की हालत आज साधारण बारिश में ही बदहाल हो जाती है। सड़क जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है, जिससे राहगीरों और वाहनों को गंभीर खतरा बना हुआ है।
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो बारिश के दौरान गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क का मूल स्वरूप ही नजर नहीं आता। बीते सप्ताह एक स्कूल वैन चालक सड़क पर बने गड्ढे से बचने के प्रयास में वाहन को सड़क किनारे खेत में उतार बैठा, जिससे वैन पलट गई। गनीमत रही कि उस समय वैन में कोई बच्चा सवार नहीं था, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था।
ग्रामीणों का कहना है कि यह अकेला संपर्क मार्ग नहीं है जिसकी स्थिति खराब है। परसौली से कोर्रा बुजुर्ग और बांदा-राजापुर मार्ग से बिनावत होते हुए रयान मोड़ तक की सड़कें भी बदहाली का शिकार हैं। सड़कें जगह-जगह से टूट चुकी हैं, गड्ढे और दरारें आम हो गई हैं, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। यहीं पर बबेरू से कमासिन रोड में रेयान गांव तक जाने के लिए लभग 2 किलो मीटर तक की सड़क खराब पड़ी है यहीं पर समीप में सरकार का एक राजकीय पॉलीटेक्निक संचालित है, मुख्य सड़क से संस्थान तक पहुंचने का की सड़क बेहद खराब होने के कारण वहां पहुंचने वाले छात्र, अभिभावक,कर्मचारी सड़क की दी परेशानी से परेशान हैं, क्षेत्रीय लोगों ने सड़क मरम्मत के साथ सुधार की आवाज उठाते हुए ज़िम्मेदार अधिकारियो का ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा है कि अगर सम्बन्धित अधिकारीयो की नियत और नज़र यहां की खराब सड़कों की खैर ख़बर लेले तो सड़क सुविधा मिलने के साथ आवागमन की समस्या से निजात मिल सकता है।ग्रामीणों ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे गांव में “अंधेर नगरी, चौपट राजा” वाला हाल है — कोई सुनने वाला नहीं है, न जिम्मेदारी लेने वाला। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द गांव की सड़कें बनवाई जाएं ताकि आमजन को राहत और सड़क सुविधा का लाभ भी मिल सके ।

नरैनी: रिसौरा गांव की सड़कें बनीं लोगों के लिए मुसीबत जिम्मेदार बेखबर

बांदा/नरैनी/ सड़कों की बदहाली से नरैनी क्षेत्र भी खाली नही है विकासखंड नरैनी के अंतर्गत ग्राम पंचायत रिसौरा की सड़कबदहाली का शिकार हैं। गांव में प्रवेश करने वाले व अंदरूनी रास्तों की हालत इतनी दयनीय है कि बरसात में राहगीरों का निकलना मुश्किल हो जाता है। कीचड़, गड्ढे और जलभराव ने ग्रामीणों का जीवन बेहाल कर दिया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि न तो ग्राम प्रधान, न ही पंचायत सचिव और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने अब तक इस समस्या की सुध ली है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ। लोगों को स्कूल, अस्पताल, और खेतों तक पहुँचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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