अमेठी संवाददाता विजय कुमार सिंह
मुसाफिरखाना। क्षेत्र के भनौली गांव में सोमवार को 8 रबीउल अव्वल के मौके पर परंपरागत अमारी का जुलूस बड़े ही अकीदत और ग़मगीन माहौल में निकाला गया। हर साल की तरह इस बार भी जुलूस का आयोजन अंजुमन सिपाहे हुसैनी भनौली सादात के तत्वाधान में हुआ, जिसमें हजारों अज़ादारों ने शिरकत करते हुए बीबी फातेमा को उनके लाल का पुरसा दिया।
सुबह करीब आठ बजे जुलूस जामा मस्जिद इमामबाग़ से बरामद होकर इसौली रोड, दरगाहे आलिया और छोटे इमामबाड़े से होता हुआ बड़े इमामबाड़े पर संपन्न हुआ। रास्ते भर अंजुमनों ने नौहा-मातम किया और मौलाना-ए-किराम ने तकरीर करते हुए लोगों तक इमाम हुसैन का पैग़ाम पहुंचाया।
इस जुलूस में न सिर्फ मुकामी अंजुमनों ने हिस्सा लिया बल्कि देश की कई मशहूर अंजुमनों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। अज़ादारों की सहूलियत के लिए जगह-जगह सबील और लंगर का इंतज़ाम किया गया था, जहां बाहर से आए ज़ायरीनों को खाने-पीने की सुविधा मुहैया कराई गई। जुलूस की निज़ामत और नक़ाबत की ज़िम्मेदारी मौलाना ज़ीशान अली आज़मी ने निभाई।
बता दें कि 8 रबीउल अव्वल का दिन शिया मुसलमानों के लिए बेहद अहम् है। इसी दिन इमाम हसन अस्करी (अ.स.) की शहादत हुई थी। पूरी दुनिया में इस दिन शिया समुदाय ग़मगीन होकर मातम करता है और बीबी फातेमा को अलविदाई पुरसा पेश करता है।
जुलूस के दौरान प्रशासन की ओर से पुख़्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे मार्ग पर लगातार निगरानी रखी, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न हो सका। इस मौके पर अंजुमन सिपाहे हुसैनी भनौली सादात ने प्रशासन और पुलिस का शुक्रिया अदा किया।