ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान
जेबकतरों को सौदेबाजी कर छोड़ा ही साथ में पीड़ित किसान से भी कर डाली वसूली
फर्रुखाबाद | अमृतपुर थाना पुलिस ने जेबकतरों द्वारा किसान छविनाथ की जेब काटकर निकाले गए रुपयों में भी खेल कर दिया किसान की खून पसीने की गाढ़ी कमाई के रूपए में भी अपना हिस्सा नहीं छोड़ा। किसान छविनाथ ने बताया कि हमारी जेब में मक्का बेंच कर लाए गए 11800 रूपये थे जो जेबकतरों ने जेब काटकर निकाले थे। जब स्थानीय लोगों ने जेबकतरों को दबोचकर थाना प्रभारी मोनू शाक्य को सौंपा था तो हमें ही नहीं सभी आसपास खड़े लोगों द्वारा ये कहा जा रहा था कि प्रदेश सरकार बहुत सख्त है अब ये जेबकतरे चार छः महीने को जेल गए। लेकिन हैरानी तब हुई जब थाना प्रभारी मोनू शाक्य ने पांच घंटे पीड़ित किसान को थाना परिसर में बैठाने के बाद पूरी सौदेबाजी जेबकतरों के परिजनों के साथ होने के बावजूद मेरी खून पसीने की कमाई 11800 भी हमें वापस नहीं दिए उसमे भी 800 रूपये का अपना हिस्सा लेकर वापस किए। जब पीड़ित ने रुपए कम होने की बात दोहराई तो पुलिसिया हड़की देते हुए प्रभारी मोनू शाक्य ने कहा कि गनीमत है इतने मिल गए अगर जेबकतरे भागने में कामयाब हो जाते तो माथा पीटते ही रह जाते। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि जेबकतरों से मोटी डील होने के बाद ही जेबकतरों का छूटना संभव हुआ । मोटी रकम ऐंठ किसान को उसमें से रुपए दिए गए थे। सूत्रों द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि जेबकतरे कोई मामूली नहीं थे उनके साथ एक सफेद रंग की बोलोरो गाड़ी चलती है और एक काले रंग अपाचे बिना नंबर की चलती है ,जेबकतरे जिस गाड़ी या टेम्पो में घटना को अंजाम देते हैं उसके आसपास ही जेबकतरों की बोलेरो और बाइक होती हैं घटनाक्रम को अंजाम देकर रफूचक्कर होने के लिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार जेबकतरों के गैंग में कुछ युवक लकूला फर्रुखाबाद के है कुछ साथी कमालगंज के हैं। लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपाचे सवार यह जेबकतरे आए दिन इस प्रकार के करतब करते ही रहते हैं।लोगों का कहना है कि यदि पुलिस द्वारा कड़ाई से इन जेबकतरों से पूछताछ की जाती तो शायद क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लग जाता क्योंकि अभी बीते कुछ ही महीना में कस्बा राजपुर और अमृतपुर में कई चोरियां भी हो चुकी है जिनका थाना पुलिस अभी तक खुलासा करने में नाकाम रही है। कहीं हद तक यह संभव हो सकता था कि क्षेत्र में हुई इन चोरियों में कहीं इन जेब कतरों की संलिप्तता तो नहीं। लेकिन थाना पुलिस ने पता नहीं कौन सी मेहरबानी दिखाकर इन जेब कतरों को ससम्मान बाइज्जत घर भेज दिया।जेबकतरों को इस प्रकार से बैठाकर बिना किसी कानूनी कार्यवाही के छोड़ देना अपने आप में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया प्रश्न तो खड़ा कर ही रहा है इसके साथ ही भविष्य में होने वाली घटनाओं पर पुलिस द्वारा इन जेबकतरों को खुली आजादी दे दी गई है।