नवरात्र पर्व पर गौरा-गौरी का विवाह धूमधाम से मनाया गया।
रामगोपाल कुशवाहा
पूरनपुर। नवरात्र पर्व पर गौरा-गौरी का विवाह धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं और बच्चों ने कागज और मिट्टी के चौकलों के साथ एक कुआं पर एकत्र होकर धार्मिक कार्यक्रम को धूमधाम से मनाया।
मालूम हो कि हिन्दू धर्म में नवरात्र में गौरा-गौरी के विवाह होने के पश्चात ही शादियों का शुभ मुहूर्त शुरू होता है। जब तक गौरा-गौरी का विवाह नहीं होता है। तब तक हिन्दू धर्म में शादियों का शुभारंभ नहीं होता है। क्षेत्र में यह परंपरा प्राचीन काल से निरंतर चली आ रही है।
गांव की महिलाएं, पुरुष एवं सभी बच्चे शाम को एक निश्चित स्थान पर एकत्र होते है। जिसमें पुरुष कागज व मिट्टी के चौकला तथा बच्चे मिट्टी के हुक्के और महिलाएं मिट्टी के गौरा-गौरी सजाकर बनाकर लाए। फिर सभी लोगों ने शाम को कुएं पर सात फेरों की रश्म निभाकर गौरी-गौरी का विवाह संपन्न कराए। कई महिलाओं ने भुने हुए चना, मक्का, चावल आदि के फूले एक दूसरों को आपस में वितरण किए। उसके बाद कई लोगों ने भजन कीर्तन भी किए। सुबह को सभी लोग एक तालाब में ले जाकर चौकलों को विसर्जन किए।
अमरैयाकलां के पंडित पवन कुमार ने बताया कि गांव में कुल 22 गौरा-गौरी के विवाह हुए।
समारोह में ओमकार कुशवाहा, सरोज यादव, विजयकुमार कुशवाहा, उमाशंकर, रामेश्वरदयाल, हरीश कुशवाहा, अतुल कुमार, रामनरेश, अंशू कुशवाहा, दिव्या, पवनकुमार, विकास कुशवाहा, जसवीर, राधेश्याम, महेशकुमार, गंगाराम, वृषपाल सिंह यादव, शिवम कुशवाहा, राजन, रामपाल शर्मा, दयाराम, अजय आदि मौजूद रहे। इसके अलावा चौकला-चौकली का समारोह गांव खाता, अमरैयाकलां, सुखदासपुर, गौटिया, तकिया दीनारपुर रघुनाथपुर, महादिया, प्रसादपुर, रम्पुराफकीरे, देवीपुर, ककरौआ, नवदियाधनेश, पिपरिया दुलई, धरमंगदपुर आदि गांव में मनाया गया।






