ब्यूरो चीफ विपिन सिंह चौहान फर्रुखाबाद जिला वार एसोसिएशन ने पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए खनन माफिया पर पत्रकार अरविन्द शुक्ला को ट्रेक्टर से कुचलकर जान से मारने की धमकी की पुलिस द्वारा खनन माफिया समरजीत कटियार पर कार्यवाही न होने पर कल जिलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक आरती सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। जिसमें जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक ने सख्त कार्यवाही का भरोसा भी दिलाया था। लेकिन शायद उसके बाद ढाक के तीन पात वाला ही रहा। आज पांच दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस की वही चाल है नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत चरितार्थ होती साफ दिख रही है। वहीं अरविंद शुक्ला द्वारा साफ शब्दों में बताया कि कार्यवाही न होना साफ दर्शाता है कि जनपद फर्रुखाबाद की पुलिस ही नहीं पूरा जिला प्रशासन आज खनन माफिया समरजीत कटियार के साथ खड़ा है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि जनपद फर्रुखाबाद की पुलिस कुछ महीनों पहले अपने ही जवान की बेरहमी से इन्हीं खनन माफियाओं द्वारा ट्रेक्टर से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी थी। लेकिन यही पुलिस चंद महीनों में ही जब अपने बहादुर जवान की शहादत को भुलाकर फिर से खनन माफियाओं की गोद में जा बैठी और उन्हें खनन करने की खुली छूट देने से परहेज नहीं किया तो वो एक पत्रकार के लिए अपनी खाऊ कमाऊ नीति से कैसे समझौता कर ले। उनका कहना है कि जनपद फर्रुखाबाद का जिला प्रशासन प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ के फरमानों की धज्जियां उड़ाती साफ देखी जा सकती है। अयशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर निर्देशित किया हुआ है पूरे प्रदेश के प्रशासन को किसी भी सूरत में अवैध खनन माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाओ माफियावाद किसी भी कीमत पर पनपने न पाए अगर किसी भी जनपद से माफियावाद चलने की सूचना आती है तो वहां के अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने यह भी फरमान जारी किया था कि किसी भी जनपद से यह भी सूचना नहीं मिलनी चाहिए कि किसी मीडिया कर्मी को किसी गुंडे बदमाश द्वारा या पुलिस, प्रशासन द्वारा उन्हें सम्मान नहीं दिया गया। उसके बावजूद जनपद फर्रुखाबाद का पूरा जिला प्रशासन प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों को धता बताने से कतई बाज नहीं आ रहा है। वही वार एसोसिएशन के महासचिव कुंअर सिंह यादव सहित वकीलों को भी यह नागवार गुजरा कि उन्होंने स्वयं पत्रकार अरविन्द शुक्ला के साथ जाकर अधिकारियों से भेंट कर पूरा मसला उठाया था। उसके बावजूद जनपद फर्रुखाबाद का प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। जो सीधे तौर पर खनन माफिया से साठगांठ की चुगली करता दिख रहा है। जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूरा वार एसोसिएशन पत्रकार के साथ खड़ा है जरूरत पड़ी तो आंदोलन करने को भी तैयार है।
