
वरदान दैनिक अयोध्या टाइम्स संवाददाता रामपुर मनिहारान
कस्बे में 44 वें संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर सोइहम पीठाधीश्वर श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव से हम अपने मूलभूत सिद्धान्तों से दूर होते जा रहे हैं।
अखिल भारतीय सोइहम महामण्डल शाखा रामपुर मनिहारान के तत्वाधान में श्री ठाकुरद्वारा सिद्धपीठ मंदिर में आयोजित अनन्त श्री विभूषित महामंडलेश्वर श्री स्वामी विवेकानंद जी महाराज( वृन्दावन) की असीम कृपा एवं सोइहम पीठाधीश्वर श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित सात दिवसीय 44 वें सन्त सम्मेलन में श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए स्वामी श्री सत्यानन्द जी महाराज ने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में सत्संग की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जिस प्रकार से पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है उससे हम अपने मूलभूत सिद्धान्तों से विमुख होते जा रहे हैं जो हिंदू संस्कृति के लिए भारी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में सत्संग ही एक ऐसा माध्यम है जिससे हम अपनी परम्पराओं को जीवित रख सकते हैं। इसके अलावा स्वामी सच्चिदानंद महाराज, प्रीतम दास महाराज, शिवानंद महाराज, हरीशानंद महाराज गोपालानंद जी महाराज, प्रणवानंद महाराज ने भी भजन व चौपाइयों के माध्यम से सत्संग को जीवन जीने की कला बताया। अंत में आरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान संरक्षक जयराज पंवार, प्रधान कुलबीर सैनी, संजय पंवार, सुरेंद्र सैनी, डॉ नीरज सैनी, बाबूराम रोहिला, अरुण शर्मा बोबी, डॉ अनुज सैनी, काशीराम, रविंद्र चौधरी, सुरेंद्र पंवार सहित काफी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।