
सहायक आयुक्त सहकारिता लोकेश त्रिपाठी के प्रयास से शुरू हुआ खाद वितरण
दैनिक अयोध्या टाइम्स
रामनगर बाराबंकी। विकासखंड रामनगर अंतर्गत किशुनपुर स्थित बी पैक्स सहकारी समिति में सोमवार को पांच वर्षों बाद फिर से गतिविधियां शुरू हुईं। पांच वर्षों से पूरी तरह बंद पड़ी समिति को एक बार फिर से सक्रिय कर किसानों के लिए खाद वितरण शुरू कराया गया। इस सराहनीय कार्य का श्रेय सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक लोकेश त्रिपाठी को जाता है,जिनकी पहल और दृढ़ इच्छाशक्ति से यह कार्य संभव हो सका। समिति के पहले ही दिन यूरिया खाद का वितरण किया गया, जिससे बड़ी संख्या में किसानों ने लाभ उठाया। अब तक जो किसान खाद के लिए निजी दुकानों पर निर्भर थे,उन्हें अब सरकारी दरों पर प्रमाणिक और सस्ती खाद प्राप्त हो रही है। इससे खेती की लागत में कमी आएगी और उत्पादन लागत पर नियंत्रण हो सकेगा। खाद वितरण कार्यक्रम के अवसर पर रामनगर के सचिव ललित कुमार शर्मा भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने खाद वितरण की प्रक्रिया को स्वयं संपूर्ण किया और व्यवस्था की पारदर्शिता सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि समिति का पुनः संचालन किसानों के लिए एक बड़ी राहत है,और आगे भी यह व्यवस्था नियमित रूप से जारी रखी जाएगी। इस अवसर पर किसानों में खासा उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से उन्हें यूरिया व डीएपी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था,लेकिन अब समिति के चालू होने से बहुत आसानी हो गई है। किसान शंकर मिश्रा ने कहा कि,”सरकारी समिति के माध्यम से सस्ती और सही खाद मिलने से खेती पर आने वाला खर्च घटेगा और फसल पर बेहतर असर पड़ेगा। किशुनपुर समिति में आगामी दिनों में डीएपी खाद,बीज, कीटनाशक और अन्य कृषि उपयोगी सामग्री का भी वितरण शुरू किया जाएगा। इससे किसानों को स्थानीय स्तर पर ही कृषि संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। क्षेत्रीय किसानों ने इस पुनः शुरुआत के लिए सहकारिता विभाग और प्रशासन का आभार जताया है। उन्होंने विशेष रूप से लोकेश त्रिपाठी और सचिव ललित कुमार शर्मा के प्रयासों की सराहना की,जिनके सहयोग से यह वर्षों पुरानी मांग आखिरकार पूरी हो सकी। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक लोकेश त्रिपाठी ने बताया कि सहकारिता तंत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। उनका कहना है कि “प्राथमिक समितियों को फिर से सशक्त बनाकर किसानों तक सरकारी योजनाओं और कृषि संसाधनों की पहुंच को बेहतर बनाया जाएगा। जो समितियां वर्षों से निष्क्रिय हैं, उन्हें भी चरणबद्ध ढंग से चालू कराया जा रहा है।