पूरनपुर/पीलीभीत। सीड प्लांट वाले सामान्य गेहूं को खरीदकर बीज के रूप में पैकिंग बनाकर उसकी बिक्री कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इसमें बीज प्रमाणीकरण और कृषि विभाग भी सांठ-गांठ कर मुंह मोड़ लेता है। ऐसे में बीज की गुणवत्ता का सवाल ही पैदा नही होता है। यही नहीं सीड कर नाम पर अवैध भंडारण किया जाता है। जिससे मंडी प्रशासन व विभागीय जिम्मेदारों को कोई सरोकार नही है। सूत्र बताते हैं कि सीड प्लांट संचालकों को मंडी प्रशासन व अधिकारियों द्वारा छूट देने का कारण ढाई से साढ़े तीन रूपये प्रति कुंतल वसूली किया जाना है। जिसका तहसील मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक बंदरबाट होता है।
तहसील पूरनपुर व कलीनगर क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक सीड प्लांट हैं। इन सीड प्लांटों में सामान्य गेंहू को बीज बनाने का खेल तो पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। सूत्रों के अनुसार पूरनपुर व कलीनगर क्षेत्र के सीड प्लांट में सामान्य गेहूं का दड़ा कर सामान्य गेहूं को बीज के रूप में बेचने का धंधा खूब फल-फूल रहा है। यहां बताते चलें कि नियम के अनुसार गेहूं का सीड पैक करते समय बीज प्रमाणीकरण और कृषि विभाग का कोई ना कोई प्रतिनिधि सीड प्लांट पर मौजूद होना चाहिए। उसकी देखरेख में गेहूं पैक किया जाए, लेकिन सीड प्लांट मालिकों की ऊंची पहुंच और मिली भगत के चलते कृषि विभाग तथा बीच प्रमाणीकरण संस्था पहले ही इन प्लांटों को टैग आवंटित कर देती है। यह खेल कोई नया नहीं है। सुविधा शुल्क की आड़ में प्रतिवर्ष इसी तरह का खेल खेला जाता है। यदि जिले के अफसर पूरनपुर व कलीनगर क्षेत्र के सीड प्लांट के बीज की गुणवत्ता का मूल्यांकन बीज परीक्षण प्रयोगशाला में बीजों की भौतिक और रासायनिक विशेषताओं का परीक्षण करायें तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। इसके अलावा जिले के जिम्मेदार और ईमानदार अधिकारी तहसील पूरनपुर व कलीनगर क्षेत्र में संचालित सीड प्लांटों का औचक निरीक्षण करें, तो तमाम तरह की अनियमिताएं सामने आएंगी। यहां स्टॉक में गड़बड़ी अभिलेखों में कमी, यहां तक कि बड़े पैमाने पर अवैध भंडारण भी मिलेगा। जानकारों की माने तो पूरनपुर व कलीनगर में संचालित होने वाले सीड प्लांट के संचालकों ने सीधी खरीद कर बेखौफ अवैध रूप से गेहूं का भंडारण किया है। जिसके चलते मंडी तक काफी गेहूं कम मात्रा में गेंहू पहुंच पाया। सूत्र बताते हैं कि धड़ा करके सामान्य गेहूं को बीज के रूप में बिक्री करने और अवैध भंडारण करने की छूट प्राप्त करने के एवज में सीड प्लांट संचालकों ने स्थानीय मंडी प्रशासन, अधिकारियों से लेकर कृषि विभाग व बीज प्रमाणीकरण विभाग के जिम्मेदारों को ढाई रुपए से साढ़े तीन रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से रिश्वत दी है। जिसका सभी में बंदरबांट हुआ है। इसी कारण इस अवैध धंधे को लेकर कोई भी कार्रवाई अथवा निरीक्षण करने तक की अधिकारियों ने ज़हमत नही उठायी है। इस सम्बंध में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) जिलाध्यक्ष स0 मंजीत सिंह ने कहा कि तहसील पूरनपुर व कलीनगर क्षेत्र में तीन दर्जन से अधिक सीड प्लांट हैं जो कि कृषि विभाग द्वारा निर्धारित क्षमता से दोगुना गेहूं भंडारण कर रहे हैं। इसमें भी ज्यादातर गेहूं घटिया दर्जे का दड़ा क्वालिटी का गेहूं है। जिसे बीज के रूप में बिक्री कर सीड प्लांट संचालक करोड़ों-अरबों रुपए के बारे न्यारे कर रहे हैं। इसमें अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है। इस मामले की लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी।