
विश्व जनसंख्या दिवस की पूर्व संध्या पर जिला व्यापार मण्डल द्वारा बैठक आयोजित
दैनिक अयोध्या टाइम्स-
सहारनपुर । प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाये जाने की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल की जिला इकाई केे प्रमुख पदाधिकारियों की एक विशेष बैठक रेलवे रोड स्थित व्यापार मण्डल मुख्यालय कार्यालय पर आयोजित की गयी।
बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन व जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा ने कहा कि कहा कि 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 अरब हुई थी। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 11 जुलाई को प्रत्येक वर्ष वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की घोषणा की गयी, जबकि आज विश्व की जनसंख्या 8 अरब से भी अधिक का आंकडा पार कर चुकी है।, क्यांेकि जनसंख्या बढ़ने से बेरोजगारी, भूखमरी, संसाधनांे की समस्या व विकास की कम गति की समस्या पैदा होती है। श्री टण्डन ने कहा कि हमें अपने संसाधनों पर गौर करना होगा। हमारे देश के पास विश्व का 2.4 प्रतिशत भूभाग मात्र 4 प्रतिशत जल है, वहीं संसार की लगभग 18 प्रतिशत आबादी भारत में मौजूद है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि आज भी दुनिया की सबसे बडी समस्याओं में से एक है। लगातार प्रयास से इसमें बढोत्तरी की दर कम हुई है, लेकिन थमी नहीं है। आबादी लगातार बढ रही है, ऐसे में जीवन के लिए आवश्यक संसाधन कम हो रहे हैं, ऐसे जनसंख्या वृद्धि के कारण उपजी समस्याओं से पार पाना सबसे बडी चुनौती बन चुका है।
श्री टण्डन ने कहा कि आज हमारे देश में 140 करोड़ से भी अधिक की जनसंख्या में 65 प्रतिशत लोग 25 वर्ष से 35 वर्ष की आयु हैं, जनपद सहारनपुर में पिछले 10 वर्षाे में 20 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या वृद्धि हुई है। जिसके कारण जनपद की जनसंख्या 40 लाख का आंकडा पार कर चुकी है। परन्तु जनसंख्या बढोत्तरी के साथ संसाधनों और विकास की कमी अभी भी बनी हुई है साथ ही वाहनों की संख्या बढने के साथ पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जनसंख्या वृद्धि के साथ लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता में बढोत्तरी हुई है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश की लगभग 23 करोड़ की जनसंख्या में दो लाख लोग ऐसे हैं जिनकी आयु 100 वर्ष से अधिक है। इसमें एक लाख 25 हजार लोग ग्रामीण इलाकों मंे रहते हैं और 75 हजार लोग शहरी क्षेत्रों में। सुप्रसिद्ध विचारक गार्नर का कहना है कि जनसंख्या किसी भी राज्य के लिए उससे अधिक नहंी होनी चाहिए जितनी साधन सम्पन्नता राज्य के पास है अर्थात जनसंख्या किसी भी देश के लिए वरदान होती है परंतु जब वह अधिकतम सीमा रेखा को पार कर जाती है तो वह अभिशाप बन जाती है। श्री टण्डन ने कहा कि वर्तमान में जनसंख्या की दृष्टि से भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। बढ़ती हुई जनसंख्या का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की जनसंख्या 36 करोड़ थी जो आज 140 करोड़ से भी अधिक हो चुकी है। श्री टण्डन ने कहा कि देश के उज्जवल भविष्य के लिए यह बहुत आवश्यक हो गया है कि तेजी से बढ़ रही जनसांख्यिकीय परिवर्तन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को सरकार को गंभीरता से लेना होगा। हम इस तथ्य को नजर अंदाज नहीं कर सकते कि विश्व में सर्वप्रथम परिवार नियोजन की पहल करने वाला हमारा भारत आज दुनिया के सर्वाधिक देशों में चीन के बाद दूसरे नम्बर पर आ चुका है। इसलिए इस विषय को राजनैतिक विवशताओं की बजाय राष्ट्र हित के दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि का प्रत्यक्ष प्रभाव लोगों के जीवन स्तर पर पड़ता है। यही कारण है कि आजादी के बाद हमारे देश मंे कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में चमत्कारिक वृद्धि के बावजूद हमारी आय मेें संतोषजनक वृद्धि नहंीं हुई है। जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि परिवार नियोजन एवं जनसंख्या हतोत्साहन की कडवी घुंट लोगों को पिलायी जाये, इसलिए एक उपर्युक्त जनसंख्या नीति की आवश्यकता है। श्री टण्डन ने कहा कि केन्द्रीय व राज्य स्तर पर जनसंख्या परिषद स्थापित करना एक उपयुक्त उपाय होगा। जो न केवल विभिन्न स्तरों पर समन्वय का कार्य करेगी बल्कि अल्पकालीन एवं दीर्ध कालीन योजनाओं का निर्धारण भी करेगी। जिससे जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगेगा और इसको रोकने के लिए वर्ष भर जनजागरण अभियान चलाकर एवं सामाजिक संगठनों का सहयोग लेकर चलाये जाने की आवश्यकता है। बैठक में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोडा, जिला कोषाध्यक्ष कर्नल संजय मिडढा, मेजर एस.के.सूरी, पवन गोयल, बलदेव राज खुंगर, रमेश डावर, भोपाल सिंह सैनी, अनिल गर्ग, संजय महेश्वरी, राजीव अग्रवाल, अभिषेक भाटिया, मुरली खन्ना, संजीव सचदेवा, प्रवीन चांदना, अंकित टण्डन आदि व्यापारी प्रतिनिधि मौजूद रहे।