Sunday, March 16, 2025
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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सरकार की डिजिटल पहल को सुसंगत बनाने के लिए डिजिटल ब्रांड पहचान मैनुअल (डीबीआईएम) पेश किया और भारत के डिजिटल संचालन को मजबूत करने के लिए सीआईओ सम्मेलन 2025 की मेजबानी की

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कल डिजिटल ब्रांड पहचान मैनुअल (डीबीआईएम) और मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओसम्मेलन 2025 के शुभारंभ के साथ भारत के डिजिटल संचालन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद और सूचना इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस कृष्णन ने गोवडॉट इन भारत सरकार की डिजिटल फुटप्रिंट पहल के सामंजस्यकरण के तहत की।

श्री जितिन प्रसाद ने लॉन्च के दौरान इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल ब्रांड पहचान मैनुअल (डीबीआईएम) “समान शासन” की शुरुआत करके सरकार के “न्यूनतम सरकारअधिकतम शासन” दृष्टिकोण को बढ़ाएगा, जिससे सभी मंत्रालयों और प्लेटफार्मों पर एक मानकीकृत और सुसंगत डिजिटल उपस्थिति सुनिश्चित होगी।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि डीबीआईएम प्रधानमंत्री के “सुधारप्रदर्शन और परिवर्तन” के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भारत के डिजिटल संचालन को अधिक सुलभ, समावेशी और नागरिक-केंद्रित बनाता है, जिससे वैश्विक स्तर पर देश के ई-गवर्नेंस तंत्र को मजबूती मिलती है। यह पहल सरकारी वेबसाइटों को सरल और मानकीकृत करने पर केंद्रित है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विविध पृष्ठभूमि के नागरिक आसानी से उपयोग कर आवश्यक सरकारी सेवाओं तक पहुंच सकें।

उन्होंने प्रमुख सरकारी नीतियों, योजनाओं और पहलों को आसानी से उपलब्ध कराने, पारदर्शिता और सार्वजनिक संपर्क में सुधार करने में केंद्रीय सामग्री प्रकाशन प्रणाली (सीसीपीएस ) की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने डिजिटल गवर्नेंस में नवाचारदक्षता और सुरक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। यह एक निर्बाधभरोसेमंद और भविष्य के लिए तैयार डिजिटल तंत्र बनाने के लिए एआई-संचालित उपकरणों और मजबूत सुरक्षा उपायों का लाभ उठाते हुए , भारत के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण में योगदान देने में अहम है।

सरकार ने दक्षता के लिए डीबीआईएम को पेश किया

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने सरकारी वेबसाइटों पर एक समान इंटरफेस स्थापित करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश को रेखांकित किया, जिससे उपयोगकर्ता के अनुकूल और मानकीकृत डिजिटल अनुभव सुनिश्चित हो सके । उन्होंने उपयोगकर्ता-केंद्रित दृष्टिकोण पर जोर दिया, जहां सरकारी पोर्टलों को डेस्कटॉप और मोबाइल उपकरण दोनों पर निजी क्षेत्र की वेबसाइटों के बराबर पहुंच और दक्षता प्रदान करनी चाहिए। सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए एक एकीकृत डिजिटल ब्रांडिंग मैनुअल (डीबीआईएमपेश किया गया है, जिससे केंद्रीकृत सामग्री को आगे बढ़ाने से मंत्रालयों में एक समान संदेश सुनिश्चित होगा और सरकारी प्राथमिकताएं अधिक पारदर्शी होंगी।

उन्होंने तकनीकी सहायता प्रदान करने और डिजिटल मांगों को पूरा करने के लिए सरकारी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में एनआईसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। श्री कृष्णन ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद के 20 प्रतिशत तक पहुंचने के साथ मंत्रालयों से बेहतर सेवा वितरण के लिए डिजिटल उपकरण अपनाने का आग्रह किया।

डीबीआईएम के शुभारंभ के साथ ही भारत की डिजिटल पहल को सुसंगत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण घटकों की शुरुआत भी की गई :

  • डिजिटल पहचान में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए डीबीआईएम टूलकिट।
  • सुव्यवस्थित वेबसाइट प्रबंधन के लिए गोवडॉटइन सीएमएस प्लेटफार्म।
  • केंद्रीकृत सामग्री प्रशासन के लिए केंद्रीय सामग्री प्रकाशन प्रणाली (सीसीपीएस) ।
  • डिजिटल संचार को मानकीकृत करने के लिए सोशल मीडिया अभियान दिशानिर्देश ।

इस दौरान डीबीआईएम मंत्रालय की वेबसाइट का अनावरण भी किया गया , जो एक सुसंगत और नागरिक-अनुकूल डिजिटल अनुभव को पेश करता है। इसके अतिरिक्त, चार अन्य मंत्रालय/विभाग की वेबसाइटें गोवडॉटइन सीएमएस प्लेटफ़ॉर्म पर जोड़ी गई हैं और आगे भी ऐसी ही अन्य वेबसाइटें आने वाली हैं।

प्रथम सीआईओ सम्मेलन 2025: प्रमुख चर्चाएं

प्रथम मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) सम्मेलन 2025 में डीबीआईएम को अपनाने और लागू करने पर चर्चा करने के लिए मंत्रालयएनआईसीमाईगोव और विभिन्न मंत्रालयों के विशेषज्ञों को बुलाया गया। इस दौरान मुख्य चर्चाएं निम्नलिखित विषयों पर केंद्रित रहीं:

  • एकीकृत डिजिटल ब्रांड पहचान के तहत सरकारी वेबसाइटों को सुसंगत बनाना।
  • उन्नत पहुंच और प्रदर्शन के लिए गोवडॉटइन प्लेटफॉर्म पर वेबसाइटों का प्रबंधन करना ।
  • समावेशिता के लिए सामग्री का स्थानीयकरण और डिजिटल सेवाओं का अनुकूलन।
  • गुणवत्ता आश्वासन के लिए भारतीय सरकारी वेबसाइटों और ऐप्स (जीआईजीडब्ल्यू) के लिए दिशानिर्देशों और एसटीक्यूसी प्रमाणन का अनुपालन ।

डीबीआईएम को राष्ट्रीय स्तर पर रूप से अपनाने से नागरिक सहभागिता में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, जिससे विश्वास मजबूत होगा और डिजिटल क्षेत्र में सरकारी सेवा वितरण में वृद्धि होगी।

जानकारी के लिए नई शुरू की गई आईडीबीएम-अनुरूप मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं : https://www.meity.gov.in/

डिजिटल ब्रांड पहचान मैनुअल (डीबीआईएम)

गोवडॉट इन भारत सरकार की डिजिटल फुटप्रिंट पहल के सामंजस्यकरण के हिस्से के रूप में डीबीआईएम का उद्देश्य सरकारी मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों में एक मानकीकृत और निर्बाध डिजिटल उपस्थिति स्थापित करना है। यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन को बदलने, पहुंच, दक्षता और अधिक नागरिक-अनुकूल डिजिटल अनुभव सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

डीबीआईएम का प्राथमिक उद्देश्य भारत सरकार के लिए एक एकीकृत और सुसंगत डिजिटल ब्रांड बनाना है। रंग पैलेटटाइपोग्राफी और आइकनोग्राफी जैसे तत्वों को मानकीकृत करके यह मैनुअल न केवल प्रदर्शन और अनुभव में एकरूपता सुनिश्चित करता है बल्कि सरकार द्वारा प्रबंधित आंकड़ों की विश्वसनीयता और सुरक्षा को भी मजबूत करता है। यह सुसंगत दृष्टिकोण सरकारी विभागों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एक आकर्षक और भरोसेमंद ब्रांड उपस्थिति प्रस्तुत करने में सक्षम बनाएगा। ये दिशा-निर्देश वेबसाइटों से आगे बढ़कर मोबाइल एप्लिकेशन और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को समाहित करते हैं जिससे सभी डिजिटल टचपॉइंट पर एक सहज उपयोगकर्ता अनुभव को मजबूत किया जाता है।

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